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मुंबईप्रान्तके प्राचीन जैन स्मारक ।
___ गोदग-पंचमहालका मुख्य नगर रेलवे जंकशन है। बड़ौधा और दाहोदके बीचमें है। यहां शेरा भागोलके रास्तेके ऊपर घेलीमाता नामसे प्रसिद्ध देवी है। मंदिरके पास पीपलका वृक्ष है। निसको घेलीमाता मानते हैं यह श्री पार्श्वनाथ भगवानकी कात्योत्सर्ग नग्न मूर्ति है अखण्डित है। सर्पके फण भी है। प्रतिमा बहुत ही सुन्दर ब तेजस्वी है । तीन प्रतिमा पीपल वृक्षके नीचे पड़ी हैं वे भी कायोत्सर्ग जिन प्रतिमा हैं । यहांसे कुछ पाषाण रेलवेके उस तरफ सिदरीमाताके देवलके वहां गए हैं वहां भी भूमिपर नव जन प्रतिमा विराजित हैं। घेलीमाताके पीछे प्राचीन सरोवर है । उसकी सीढ़ियोंमें जिन मंदिरके पत्थर लगे हैं। इस सरोवरके पास जूनी जुम्मा मसनिद है । यह मसनिद वास्तवमें जैन मंदिर तोड़कर बनाई गई है इसमें संदेह नहीं । यह बहुत पुरानी मसजिद है । ( लेखक गोकुलदास नान नीभाई गांधी वीरशासन अहमदावाद ता० १०-१०-१९२४ ।)