________________
मुंबईप्रान्तके प्राचीन जैन स्मारक ।
(१९) सतारा जिला
इसकी चौहद्दी इस प्रकार है । उत्तर भोर और फलटन राज्य, और नीरा नदी, पूर्वमें शोलापुर, दक्षिण वारण नदी, कोल्हापुर और सांगली, पश्चिम पश्चिमीय घाट, कोलाबा और रत्नागिरी जिला ।
यहां ४८२५ वर्ग मील स्थान है ।
इस ज़िलेका इतिहास यह है कि यहां सन् ई० से २०० वर्ष पूर्व से २०८ ई० तक शतवाहन राजाओंने राज्य किया फिर इनकी कोल्हापुर शाखाने चौथी शताब्दि तक फिर पश्चिमीय चालुक्योंने १५० से ७५० तक फिर राष्ट्रकूटोंने ९७३ तक फिर पश्चिम चालुक्योंने और उनके नीचे कोल्हापुरके शिलाहारोंने १९९० तक फिर देवगिरीके यादवोंने १३०० तक पश्चात् मुमलमानोंने अधिकार किया ।
६६ ]
यहां कराके पास, तासगांव में भोसा पर बा के पास, भाउ तालुका में मालाउद में, कुंडल, पाटन, पटेश्व में बौद्ध और ब्रह्मण गुफाएं है ।
(१) करादनगर सतारानगर से दक्षिण पश्चिम ३१ मील और कराद रेलवे स्टे० मे दक्षिण पश्चिम ४ मील । दक्षिण पश्चिमसे करीब ३ मील यहां ५४ बौद्ध गुफाएं हैं ।
(२) बाई - महाबलेश्वर के पूर्व १५ मील और मताराशहर से दक्षिण पश्चिम २० मील। यहां पास लोहारी ग्राम में कुछ बौद्ध गुफाएं हैं।