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बेलगाम जिला। ___ [८३ कलहोलेके शिलालेखमें यादव राजाओंकी वंशावली दी है.
रब्बा स्त्री होला देवी ब्रह्मा स्त्री चन्दलादेवो राजा प्रथम स्त्री मैललदेवी
चंदलादेवी सिंह या सिंगिदेव स्त्री भागलदेवी
या चंद्रिकादेवी राजा द्वि० स्त्री चंदलदेवी और लक्ष्मीदेवी।
नोट-राजा प्रथमकी कन्या चंद्रिकादेवी राट्ट राजा लक्ष्मण या लक्ष्मीदेव प्रथमको विवाही गई थी। यही कार्तवीर्य चतुर्थ तथा मल्लिकार्जुनकी माता थी। मिस मंदिरको दान किया गया उसको रानाहि० ने बनवाया था। मंदिरके गुरु श्री मूलसंघ कुन्दकुन्द आचार्यकी शाखा हणसांगी वंशके थे । इस हणसांगी वंशके तीन गुरु मलधारी हुए हैं जिनके एक शिप्य महानिक नेमिचन्द्र थे। श्री नेमिचन्द्रके शिप्य शुभचन्द्र थे । शुभचन्द्र चन्द्रके समान पवित्र थे। इन्हींने दिगम्बर धर्मकी बहुत उन्नति की थी। शुभचंद्रके शिष्य श्री ललितकीर्ति थे।
(१३) मनोली-सौंदत्तीसे उत्तर ६ मील । यह मलप्रभा नदीपर १ बड़ा नगर है। नगरके पश्चिम मंदिर हैं। दोसे छोटा तीन गुम्बनका एक जैन मंदिर है जिसमें रंगावेज़ी अच्छी है।
(१४) सौन्दत्ती-ता० पारशगढ़ । बेलगामसे ४ ० मील पूर्व । यहां एक प्राचीन जैन मंदिर हैं। यहां ६ शिलालेख हैं जिनमें राट्ट वंशके राजाओंके लेख सन् ८७५ से १२२९ तकके हैं।