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कोलाबा जिला |
(२५) कोलाबा जिला ।
इसकी चौहद्दी इस प्रकार है- उत्तरमें बम्बई बन्दर, कल्याण । पूर्वमें पश्चिमी घाट, मोर राज्य व पूना, सतारा । दक्षिण पश्चिम रत्नागिरी । पश्चिममें जंजीरा राज्य व अरब समुद्र ।
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यहां २१३१ वर्गमील स्थान है
इतिहास - कोलाबा में बड़े महत्वकी बात यह है कि इसका व्यापारी संबंध विदेशी जातियोंसे रहा है । भारतीय समुद्र होकर मार्गथा । इतिहासके पहलेसे अरव और आफ्रिकासे व्यापार था । मिश्र और फैनीशिया (२५०० से ५०० वर्ष सन् ई० से पहले) से मुख्य संबन्ध था । ग्रीक और पैथियन लोगोंके साथ (२०० सन् ई० से पहलेसे २०० सन् तक) मुसल्मान अरबों के साथ मित्रके समान व्यवहार था जो यहां (सन् ७०० - १२००) में आते रहे थे । कोलाबा में सर्वसे पुराने इतिहासके स्थान चिउल, पाल, कोल महाड़के पास, कुड़ा राजपुरीके पास जिनमें पहली शताब्दीकी बुद्ध गुफाएं हैं।
कोलाबा में बौद्धोंका बहुत निवास रहा है, उनका महत्व था । चीन यात्री हुइनसांग (६४०) ने यहां चिमोलोके पूर्व कुछ मीलपर राजा अशोकका स्तंभ देखा था (सन् ई० से २२५ वर्ष पहले) । यहां अन्ध्र भृत्योंने भी राज्य किया है । सन् १६० में जब वहां यज्ञश्री या गौतमी पुत्र द्वि० राज्य करते थे तब इनका बहुत प्राबल्य था । शतकर्णी राज्यके नीचे कोन्कनका व्यापार पश्चिमसे बहुत उन्नत पर था जब रोम लोगोंने मिश्रको ले लिया था (सन् ई० से ३० वर्ष पहले ) । टोलिमी, यूनानी भूगोल वेत्ताको ( सन् १३५ -- १५० ) कोंकनका ज्ञान था । कन्हेरी, नाशिक, करली