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नासिक जिला।
[६५ बहुत ही उपयोगी है कि इसमें सबसे पहले शब्द महारथ आया है।
(३) भाजा-मावल ता० में एक ग्राम, खड़कालासे दक्षिण पश्चिम ७ मील । ग्रामके ऊपर ४०० फुट ऊंची पहाडी है इसकी पश्चिम ओर पहली शताब्दी पहलेकी १८ बौद्ध गुफाएं हैं । बारहवीं गुफामें जो ५९से २९ फुट है प्रसिद्ध कारीगरी है। यहां कई लेख हैं।
(४) भवसारी-(भोजपुर)-हवेली तालुका । पूना शहरसे उत्तर ८ मील । यहां बड़े २ पाषाणोंमें योद्धाओंकी मूर्तियें खुदी हैं-यह ८५० ई०से पुराना है।
(५) कारली-ता० मावल । पूनासे बम्बई सड़कपर एक ग्राम कारलीसे २॥ मील और लोनौली प्टेशनसे ५ मील प्रसिद्ध गुफाएं हैं । एक बहुत बड़ा और पूर्ण चैत्य है यह बहुत पवित्र है। तथा महाराज भूति या देवदत्त (सन् ई० से ७८ वर्ष पहले) द्वारा खोदा गया था । ऐसा लेखसे प्रगट है । देखने योग्य है
(६) शिवनेर- जुन्नार ता का पहाड़ी किला, पूना शहरसे उत्तर ५६ मील । यह स्थान पहलीसे तीसरी शताब्दी तक बौद्धोंका मुख्य स्थान रहा है । यहां ५० कोठरियां व मठ है।
(७) बामचन्द्र गुफा-पूनासे उत्तर पश्चिम २५ मील ।। बामचंद्र ग्रामके बाहर एक चट्टानमें मंदिर है तथा दो मंदिरोंकी खुदाईका प्रारम्भ है। यह शायद जैन गुफा ही है । अब इसमें लिंग स्थापित है।
नोट-पूनाके वर्णनमें खास जन स्मारकक' नाम कहीं नहीं मिला परन्तु ऊपर दिये हुए स्थानोंमें खोन कर मे शायद कोई चिन्ह मिल सकें।