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सतारा जिला। (३) धूमलवाडी सतारारोड रेलवे स्टेशनके निकट-तालुका कोरेगांव यहां एक गुफा है। जिममें श्री पार्श्वनाथ भगवानकी मूर्ति २॥ फुट ऊंची है मस्तक खंडित है। गुफामें पानी भरा रहता है। पहाड़ीपर आधी दूर जाकर एक खुदाई है जिसको खभटोंक कहते हैं । एक गुफाका मंदिर है । मट्टी और पानीसे भरी है। पहाड़ीपर पुराने किलेके ध्वंश हैं।
इम्पीरियल गजटियर बम्बई प्रांत भाग १ (सन १९०९) सफा ५३९ पर लिखा है।
" The Jains in Satara dist represent a carvival of early Jainism, which was once the religion of the rulers of the King dom of carnatec."
भावार्थ-सतारा जिलेके जनो प्राचीन जैनधर्मके अस्तित्वको बताते हैं । जो कर्नाटकके राजाओंका धर्म था ।
(४) फलटन-नगरमें एक २००० वर्षका प्राचीन पाषाण जिन मंदिर है, नग्न मूर्तियां अंकित हैं । अभी महादेव पधरा दिये गए हैं जिनको जगेश्वर महादेव कहते हैं।
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