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मुंबईप्रान्तक प्राचीन जैन स्मारक ।
Dr. Burgess antiquities of Cutch Kathiawar
अपर कोटमें दो कूप हैं जिनके लिये प्रसिद्ध है कि प्राचीन कालमें चूड़ासम राजाओंकी दासी कन्याओंने बनवाए थे ।
"Cave temples of India by fergusson and Burgess 1880."
नामकी पुस्तक में जूनागढ़ गिरनारके सम्बन्धमें लेख है कि नगरकी पूर्व तरफ गुफाएं देखने योग्य हैं खासकर बाबा धाराके मठकी तरफ भीतों में । ये गुफाएं बहुत प्राचीन कालकी हैं। मैदानमें एक चौकोर पाषाणके स्तम्भका नीचे का भाग है उसके पास एक छुटा पत्थर मिला था जिसके एक कोनेपर राजा क्षत्रपके लेखका एक भाग था यह लेख स्वामी जयदमनके पोते शायद रुद्रसिंह समयका है जो रुद्रदमनका पुत्र था जिसका लेख राजा अशोक के लेखकी चट्टान के पीछे है । इस लेखमें केवलानी शब्द है जिससे डाक्टर बुहलरका खयाल है कि यह जैन लेख है और यह बहुत संभव है कि ये सब राजकुमार जैन धर्म से प्रेम रखते थे ।
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(३) सोमनाथ (देव पाटन, प्रभास पाटन, वेरावल पाटन या पाटन सोमनाथ) काठियावाडके दक्षिण तटपर जूनागढ़ स्टेटमें एक प्राचीन नगर है। दो नगरोंके मध्य आधी दूर जाकर समुद्रकी नोकपर एक बड़ा और प्रसिद्ध शिव मंदिर है । जो पाटनसे करीब १० मील है । उस विरावल पाटनमें एक जैन मन्दिर जुमा मसजिद के पास बाजार में हैं जिसको मुसल्मानोंने अपना घर बना लिया है । इसके गुम्बज और खंभे खुदे हुए हैं । इसकी