Book Title: Neminirvanam
Author(s): Vagbhatt Mahakavi, Vagbhatt Mahakavi
Publisher: Pandurang Javji
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काव्यमाला ।
दन्तावली द्युतिमिषान्मुदमुनिरन्त्या . खनाद्भुतं तदथ संभृतरोमहर्षम् ।। शृङ्गारवल्लिसमया समया नरेन्द्र
मागत्य राजसुतयाशु तया बभाषे ॥ ३७ ॥ तच्चैकविंशतिजिनेश्वरजन्मसूचा
व्याख्यातभाविफलमेष निशम्य सम्यक् । श्मश्रुप्रसङ्गपलितायितदन्तरोचि.
रुच्चैरुवाच मुदितो महिषीं महीशः ॥ ३८ ॥ खानान्तरेण हरिणाक्षि विभाव्यसे त्व
"मेतेन संनिहितनन्दनरत्नजन्मा। पूर्वोद्गतेन सहसा गरुडामजस्य __पौरंदरी दिगिव दूरतरेतरार्का ।। ३९ ॥ दन्तीव भूरितरदानविराजमानो " ‘धयां धुरं कलयितुं वृषवत्प्रगल्भः । तेजोधिकः सकलजन्तुषु केसरीव __ लक्ष्म्या वयंवरविधावुपकीर्णमाल्यः ॥ ४० ॥ पीयूषरश्मिरिव लोकविलोकनीयः " शीतेतरांशुरिव तीव्रतरप्रतापः।। सुव्यक्तमीनकलशाक्तितपादपद्मः
खच्छः सरोवदनिशं कुमुदं वितन्वन् ॥ ११ ॥ कल्लोलिनीपतिरिवातिगभीरवृत्तिः सिंहासनं यदुकुलीयमलंकरिष्णुः ।।
१. सूचनं सूचा..

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