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श्री रामबक्षजी से वार्तालप
जीरा में प्राचीन जैन परम्परा के भव्य प्रासाद की आधार शिला का न्यास करके श्री आत्मारामजी ने जीरा से जगरावां के लिये विहार किया। विहार के समय भाविक जनता ने आपसे चातुर्मास के लिये साग्रह प्रार्थना की और अपने हाथ के लगाये हुए इस धर्म के पौदे को अपनी सुदृष्टि से समय २ पर अभिषिक्त करते रहने की ओर भी ध्यान दिलाया । उक्त प्रार्थना के उत्तर में आपने फर्माया कि ज़ीरा में चतुर्मास करने का भाव तो है परन्तु वह इस वर्ष होता है या आगामी वर्ष में, यह तो केवली गम्य है।
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