Book Title: Navyuga Nirmata
Author(s): Vijayvallabhsuri
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 439
________________ ४०६ नवयुग निर्माता एक तो श्री शजय तीर्थ पर कपड़वंज की सेठानी माणिक बाई के बनवाये हुए नवीन जिनमन्दिर में प्रतिष्ठित किये गये तथा अपने २ शहर के मन्दिरों में प्रतिष्ठित करने के लिए जो जिनबिम्ब लाये गये थे, उन्हें वहां पर प्रतिष्ठित किया गया और मोतीशाह सेठ वाले जिनबिम्बों को शजय तीर्थ पर मोतीशाह की ट्रंक में विराजमान किया गया। उनमें श्री नेमिनाथ भगवान की लाजवर्द रत्न की एक मूर्ति अंजनशलाका और प्रतिष्ठा की यादगार कायम रखने के लिए वहीं सनखतरे के मन्दिर में स्थापन की गई। A AREN E Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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