Book Title: Navyuga Nirmata
Author(s): Vijayvallabhsuri
Publisher: Atmanand Jain Sabha

Previous | Next

Page 472
________________ पूज्यपाद्, परमगुरुदेव, अज्ञान तिमिर - तरणि, कलिकाल - कल्पतरु, भारत - दिवाकर, समयज्ञ, पंजाब केसरी, युगवीर श्राचार्य भगवंत १००८ श्रीमद् विजयवल्लभ सूरीश्वरजी महाराज साहेब के सदुपदेश से इस पुस्तक के सहायकों की शुभ नामावली ५०१) श्रीसंघ पाटन मंडल मरीन ड्राईव बम्बई । २५०) प्रतिष्ठादि विधिविधानकारक धर्मप्रेमी सेठ बालुभाई उत्तमचन्द सूरत अपनी गृहस्थपने की सुपुत्री साध्वीजी श्री जयन्तप्रभाश्री जी की बडी दीक्षा की खुशी में । 1 २०१) श्राविका श्रीसंघ बम्बई हस्ते ताराबेन जीवनलाल ( साध्वी भद्राश्रीजी के उपदेश से ) २०१) श्रीमति सेठाणी धनीबाई ( सेठ भेरुदानजी सेठिया की सौभाग्यवति धर्मपनि ) प्रवर्तनी साध्वी श्री श्रीजी के उपदेश से इस्ते सेठ भेरुदानजी जुगराजजी सेठिया बीकानेर | १५१) शाह रीखबचन्दजी कान्तिलालजी बम्बई । १०९) सेठ मूलचन्दजी विमलचन्दजी हस्ते सागरमलजी बम्बई । १०१) श्री शान्ताक्रुझ जैन तपगच्छ संघ बम्बई ( गणीवर्य श्री इन्द्रविजयजी के उपदेश से ) १०१) श्री वान्दर जैन संघ बम्बई हस्ते घेनमलजी ( श्री बलवन्तविजयजी के उपदेश से ) १०१) शाह भीखाचन्द लल्लुचन्द कक्कलजीवाला वम्बई हस्ते गजराबेन (गणीवर्य जनक विजयजी के उपदेश से) १०१) एक सद्गृहस्थ हस्ते बाबूलाल तिलोकचन्द बम्बई १०९) मणीलाल जमनादास हस्ते जासुरवेन ( गरिणवर्य जनक जिनविजयजी के उपदेश से ) बम्बई । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 470 471 472 473 474 475 476 477 478