Book Title: Navyuga Nirmata
Author(s): Vijayvallabhsuri
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 471
________________ नवयुग निर्माता ४२४ मुलतान ४२५ डेरागाजीखां पंजाब से बाहर उपाश्रय व धर्मशाला श्री श्रात्मानंद जैन उपाश्रय बड़ोदरा " " , , सिनार श्री आत्मानन्द जैन उपाश्रय हस्तिनापुर (यू०पी०) ,,, पंजाबी धर्मशाला पालीताणा (सौराष्ट्र) ,, ,, आत्मवल्लभ जैन धर्मशाला देहली , ,, जैन भवन जयपुर ( राजस्थान ) आदि में वहाँ के श्री मूलनायकजी के और श्री दादा गुरुदेव के नाम से श्री ज्ञान भंडार है और श्री गुरुदेव के नाम से ( श्री आत्मानंद जैन उपाश्रय ) तथा गुजरांवाला, लुधियाना, अम्बाला आदि में धर्मशालाएँ भी हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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