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चूड़ा ग्राम के श्रावकों को आश्वासन
महाराजजी साहब ने इनकी सारी कहानी को बड़े ध्यान से सुना और सबल शब्दों में आश्वासन देते हुए बोले- तुम लोग किसी प्रकार की भी चिन्ता न करो शासन देव की कृपा से तुम्हारा सब काम ठीक हो जावेगा। अभी थोड़े ही दिन हुए दिल्ली में दिगम्बर जैनों की रथयात्रा सम्बन्ध में जैनेत्तर लोगों का उनके साथ झगड़ा हुआ। दोनों का केस अदालत में गया, वहां से हुक्म हुआ कि बृटिश गवर्नमेन्ट के राज्य में सभी धर्मवाले अपने २ विश्वास और परम्परा के अनुसार अपने धार्मिक जलूस निकाल सकते हैं । उनमें दूसरे धर्मवालों को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। तब से वहां भगवान की सवारी बिना रोकटोक बड़ी धूमधाम और सजधज के साथ निकलती है। सारे शहर में घूम कर अपने स्थान पर पहुँचती है । तुम लोग उस फैसले की नकल मंगवाकर दायर की जाने वाली अपील साथ टांक दो । श्रावक वर्ग -[ हाथ जोड़कर ] महाराज ! हम एक छोटे से गामड़े के रहने वाले अजान लोग दिल्ली की कोर्ट तक कैसे पहुंच सकते हैं ?
- तुम धीरज रक्खो हम उस नकल के लिए यहां से दिल्ली के श्रावकों पर पत्र लिखवा देते हैं वे वहां से हुक्म नकल लेकर तुम्हारे पास भेज देवेंगे। तुम हौसला रक्खो । निराश होने की कोई आवश्यकता नहीं, विश्वास रक्खो, शासन देव की कृपा से तुम्हारी अवश्य विजय होगी ।
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श्रावक वर्ग - गुरुदेव ! अब हमारी सब चिन्तायें दूर होगई आपकी कृपा से हमारी अवश्य विजय होगी। आपश्री के मुखारविन्द से निकला हुआ विजय का शब्द हमारी विजय ही करेगा, ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है । कुछ दिन वहां रह कर शिष्य परिवार के साथ अपने पालीताणा की तर्फ बिहार कर दिया और विचरते २ पालीताणे पहुंच गये ।
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