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आपके प्रवचनों की कुछ रहस्य पूर्ण बातें
मात्र से ही आप लोग सन्तोष करें, बाकी फिर कभी सुनाया जावेगा।
___ आचार्यश्री के इस रहस्यपूर्ण वचनों को सुनकर सारे श्रोतागण वाह वाह कर उठे । सबके मुख से "धन्य है, धन्य है" ऐसी ध्वनि निकलने लगी। थोड़ी देर के बाद सभा विसर्जन हुई और सब लोग प्रसन्नचित से अपने अपने घरों को प्रस्थित हुए।
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