Book Title: Navyuga Nirmata
Author(s): Vijayvallabhsuri
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 416
________________ M चिकागो-अमेरिका से आमन्त्रण ३८५ Will you therefore give this matter your earnest consideration and forward to me as soon as possible, what is requested ? Some other Pictures and explanatory literature that would illustrato any feature of Hinduism would be much appreicated. With fraternal greeting. I am, Faithfully and Sincerely Yours William Pipe. भावार्थ-ईस्वी सन् १८६३ को चिकागो में सर्व धर्मों की जो धर्म परिषद् होगी उसका मेम्बरसभ्य बनने के लिये आपको एक सप्ताह के भीतर लिखा जावेगा, परन्तु इस समय सभापति की आज्ञा से लिखा जाता है कि आप अपने दो चित्र-फोटो और अपना संक्षिप्त जीवन चरित्र शीघ्र भेजने की कृपा करें । इनसे संसार के प्रसिद्ध मतों के प्रतिनिधियों के चरित्र तैयार किये जाने हैं, इसलिये आप अपने दो चित्र और जीवन चरित्र जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी भेजदें । इसके अतिरिक्त अन्य कोई और हिन्दुओं के धार्मिक विचारों से सम्बन्ध रखने वाला कोई सविस्तार निबन्ध तैयार करके भेजेंगे तो वह भी स्वीकार किया जावेगा। __ इस पत्र का उत्तर आचार्यश्री की सम्मति से बम्बई की उक्त संस्था के अधिकारियों ने श्रीयुत वीर चन्द राघवजी गांधी वार-एट-ला से लिखाकर भेजा जिसका सारांश यह था आपका पत्र श्री मुनि महाराज को पहुंचा, आपने जो कार्य प्रारम्भ किया है उसमें मुनि महाराज अतीव आनन्द प्रदर्शित करते हैं पर साथ में इतना खेद भी प्रकट करते हैं, कि वृद्धावस्था और शास्त्रीय प्रतिबन्ध तथा अन्य कई एक अनिवार्य लौकिक कारणों से आपकी इस परिषद् में सम्मिलित होने के लिये विवश हैं अर्थात् आपके आमंत्रण को स्वीकार करके उसे सफल नहीं बना सकते । तथापि आपके लिखे मुताबिक मुनि महाराज के दो चित्र-फोटो और मुनि महाराज का संक्षिप्त जीवन चरित्र तथा अन्य कितनी एक उपयोगी फोटो आदि आपको भेजी जाती हैं इनकी पहुंच देने की कृपा करनी। इस पत्र के उत्तर में वहां से ३ अप्रेल सन् १८६३ को लिखा हुआ जो पत्र आया उसकी नकल निम्नलिखित है Chicago, U.S.A. April 3rd, 1893. Muni Atmaramjee, 9 Bank Street, Fort, Presidency Mills Co. Ltd, Reverend Sir, I am very much delighted to receive your acceptance of your Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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