Book Title: Mukti Ke Path Par Author(s): Kulchandravijay, Amratlal Modi Publisher: Progressive Printer View full book textPage 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इस तरह भवनिवंद, मार्गानुसारिता, सम्यग्दर्शन, देशविरति सर्वं विरति रूप क्रमिक उत्थान के पश्चात् भी कषाय परिणति के उपशम रूप समाधि को पूरी अावश्यकता रहती है, अत: 'समाधि विचार' का संकलन भी उचित ही है । इस सुन्दर और मृदुभाषी काव्य में समाधि की मूलभूत प्रनित्यादि भावनानों का भावपूर्ण निरूपण हैं तथा आराधक आत्मा की परिणति का सुन्दर दर्शन होता है । अतः यह लघु पुस्तिका नित्य स्वाध्याय में श्री चतुविध संघ को प्रत्युपयोगी सिद्ध होगी । इस पुस्तिका के संग्रहकर्ता श्री अमृतलालजी मोदी M. A. का यह प्रयास अनुमोदनीय है । श्री दानसूरीश्वर ज्ञान मंदिर कालुपुर रोड, अहमदाबाद. १५-१-७४ मुनि कुलचन्द्र विजय For Private And Personal Use Only [६]Page Navigation
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