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जीवन में सुख और शान्ति की प्राप्ति के लिए सिकन्दर सम्राट् ने अनेक देशों पर आक्रमण किया था। भारत-भूमि पर अनेक बार प्राक्रमरण करके सिकन्दर सम्राट ने स्वर्ण के ढेर खड़े कर दिए थे।
___ शारीरिक रोगों की चिकित्सा के लिए अनेक वैद्य उसकी सेवा में हाजिर/उपस्थित थे। शत्रुओं से रक्षण के लिए अनेक शस्त्र-सज्ज सैनिक सदैव उसके पास उपस्थित रहते थे।
फिर भी अफसोस है कि हर प्रकार की सुख-सुविधा और करोड़ों की जायदाद होने पर भी एक दिन उस सिकन्दर को इस रंग-बिरंगी दुनिया से विदाई लेनी पड़ी। उसकी समस्त सत्तासंपत्ति यहीं रह गई और उसे खाली हाथ जाना पड़ा।
कवि ने ठीक ही कहा हैहजारों ऐश के सामान,
मुल्ले और मालिक थे। सिकन्दर जब गया दुनिया से,
दोनों हाथ खाली थे॥ तुझे पता ही होगा 'विश्वसम्राट्' बनने का स्वप्न देखने वाले 'नेपोलियन बोनापार्ट' को कैसी दुदशा में मौत को भेंटना पड़ा था !
मृत्यु अनिवार्य है। जीवन अस्थिर है|चंचल है। दुनिया में जितने भी संयोग हैं.. उनके पीछे वियोग खड़ा ही है।
किसी की मृत्यु पर हमें खुश/राजी नहीं होना है क्योंकि
मृत्यु की मंगल यात्रा-21