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अर्थसंदृष्टि अधिकार
५२३ बहुरि कालका अल्पबहुत्वविर्ष संदृष्टि सुगम है। तहां प्रथम पद अंतमहूर्तमात्र ऐसा २२ ताके आर्ग संख्यातकी सहनानी च्यारिकरि जहां संख्यातवां भागमात्र अधिक होइ तहां पूर्व राशिकौं च्यारिका भाग पांचका गणकार जानना। जहां संख्यातगणा होइ तहां पूर्व राशिके आगै च्यारि लिखना। बहुरि ग्यारह्वातै बारह्वां पद समय घाटि दोय आवलीमात्र अधिक है तहां ऊपरि
ऐसी-४।२ जाननी । इहां आवलोकी संदृष्टि च्यारिका अंक है। बहरि चौदहवां पदविर्ष अपवतन कीएं संदृष्टि ऐसी २२। यातें संख्यातगुणा पंद्रह्वां पदविष ऐसो २ ११ यामैं ऐसा २१
अर ऐसा-२ १ मिलाएं सोलह्वां पदविष ऐसी २ ११। ४ यातें आगें पूर्वोक्त प्रकार । बहुरि वीसवां पदविषै पल्यका संख्यातवां भागको ऐसी– ५। इकईसवां पदविषै पृथक्त्वसागरको ऐसी
सा ।७। ८ । वाईसवां आदि पदनिविर्ष सागर अंतःकोटाकोटीकौं तीन दोय एकवार संख्यातका भाग दीएं पचीसवां पदविर्ष सागर अंतः कोटाकोटि की संदृष्टि जाननी। ऐसे इनकी ऐसी संदृष्टि हो है
पृष्ठ १६ (क) में देखो। बहुरि प्रथमोपशम सम्यक्त्व काल समाप्त भएं उदय योग्य प्रकृतिका द्रव्य अपकर्यणकरि उदयावली अंतरायाम द्वितीय स्थितिविर्षे निक्षेपण करै है। अनुदय प्रकृतिका उदयावली विना अन्यत्र निक्षेपण करै है। तहां दर्शनमोहके द्रव्यकौं गुणसक्रमका भाग दीएं उदय योग्य सम्यक्त्व प्रकृतिका द्रव्य ऐसा स a १२-याकौं अपकर्षण भागहारकी संदृष्टि प्राकृत आदि अक्षर अपेक्षा
७।ख । १७ । गु ऐसी (ओ) ताका भाग दोएं अपकृष्ट द्रव्य ऐसा स । १२-याकौं असंख्यात लोक = का
७ ख । १७ । गु ओ
भाग दीएं उदयावलीविषै दीया द्रव्य ऐसा-स.१२-याका बहुभाग ऐसा स a १२-= a
७ । ख । १७ । गु । ओ=a ७ । ख १७ । गु । ओsa इहां गुणकारविर्षे एक घाटिकौं न गिणे ऐसा स । १२-बहुरि इस अपकर्षण भागहारका भाग
७ ख । १७ । गु ओ। दीएं तहां एक भागमात्र ग्रहण कीएं जो द्रव्य बहुभागमात्र अवशेष रह्या सो ऐसा स । १२-ओ
७। ख १७ । गु ओ इहां गुणकारविर्ष एक घाटिकौं न गिणे ऐसा स a १२-याकौं द्वयर्ध गुणहानि की संदृष्टि ऐसी
७। ख । १७ गु १२ । ताका भागदीएं द्वितीय स्थितिका प्रथम निषेकका द्रव्य ऐसा स a १२-- भया। याकौं
७ ख । १७ गु १२ अंतरायाम अंतर्मुहूर्तमात्र ताकरि गुणें अंतरायामका समपट्टिका द्रव्य ऐसा स १ १२–२ २
७ । ख । १७ गु १२
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