Book Title: Labdhisar
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Paramshrut Prabhavak Mandal

Previous | Next

Page 715
________________ Jain Education International लब्धिसार-क्षपणासार अर्थसंदृष्टि अधिकार पृष्ठ संख्या ५७२ २१४ २१४ / २१४४ ११४४४ २१४४४४ २१ २१ । २१ । २१४ स्थान दोषसमान दोपस्थान समान तीनस्थानसमान अथवा २११ २००२ २७ २ २० २१ २१ २१४ १४ । २१४४ २५४४ २११ २११ २११ For Private & Personal Use Only २११२१ याने आगै स्यान नब कमी संख्यात गुणे हैं ताक माँग एक स्थान दुगा है । २१-२ | मु१६२४ ३२४८या१मा २ मा४मारमा ४ मा ८ व १६३२ यात आगें छह स्थान संख्यात गुणे हैं प यान आगछह स्थान असंख्यातगुणे १००००० ५२३/१११११११ या मागें दोय स्थान संख्यात गुणे हैं साको २ सा अंको २ साभ को २-२१ ४४ सा अं को २ ४४ साको २ सा अं को २ सा अंको २ १४ साभं को२ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744