Book Title: Labdhisar
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Paramshrut Prabhavak Mandal

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Page 738
________________ पारिभाषिक शब्दानुक्रमणिका ६५५ शब्द शेष धन श्रुतकेवलिन श्रेणि श्रेणिप्रतर पृष्ठ ३८० ८८ ५०१ शब्द सूक्ष्मकृष्टिवेदककाल सूक्ष्मसंयम सूक्ष्मस्थितिकरणकाल सूक्ष्मसासांपरायकाल w ५०५ २३३ सूत्र षट्स्थान षट्स्थानगत mm सकल सकलचारित्र सकलयम १०५ ४०३,४३५ सत्त्व १६७ ५८ ३७,३८,५९ १८४ २७,१५१,१५२ संक्रम १६२ संक्रमण संक्रामक १४० संक्रामणप्रस्थापक १५८ संक्षुब्ध २५,७९ संग्रहकृष्टि २० संयम संयोजन २८६ सांप्रतिक ५६,१००,१२७ स्थितिखंड ५१२ स्थितिखण्डक ५१० स्थितिधात ४९४ स्थितिबंध ४९३ स्थितिबन्धन ४८९ स्थितिबंन्धापसरण ४८९ स्थिति रस ८२ स्थितिसत्त्व स्पर्धक १५१ स्वस्थान १६७ स्वस्थानगोपुच्छ ५१२ १३ हयकर्ण हयकर्णकरण ५०१ हार ४९९,४२ हीनक्रम सप्तकरण समपटिकाधन समयप्रबद्ध समाधि समुच्धिन्नक्रिय समुद्घात समुद्घातगत सर्वज्ञ सर्वदर्शित् सर्वोपशम साकार (उपयोग) सापसरण सामायिक सिद्ध सिद्धापसरण २४,३८,६१ ३८,१८४,२११ २०२ ६१,७७,७९ ६३,१५१,१६२ १५४,२५५,४९५ ४२९ सुख ४८६ ६९८,३९९ ५३ ३९४,३९५ सूक्ष्मज Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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