Book Title: Labdhisar
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Paramshrut Prabhavak Mandal
View full book text
________________
पारिभाषिक शब्दानुक्रमणिका
६५३
शब्द
पृष्ठ
४२९
३९०
१६६,२१९
९०,१२१,१२३
४३२
२५१
द्रव्यविशेष द्रव्यावहार द्वितीय ऋण द्विचरमखंड द्विचरम फालि द्विचरम समय द्वितीय करण द्वितीय निषेक द्वितीयकृष्टि द्वितीय संग्रहकृष्टि द्वितीय स्थिति द्वयक्ष द्वयर्धसमयप्रबद्व
३८८
३३३
३७९, ५०१
प्रकृति
३८०
धन धनद्रव्य धर्म ध्यानजल
पृष्ठ शब्द ४०९ परस्थानिक गोपुच्छ
परिणाम २३४
परिहार १०९,११९ पर्व १२०,१७९
पूर्वकृष्टि ११५
पूर्वकृष्टिलब्धि १८३
पूर्व फल ५०,५२
पूर्वबद्ध ४४८
पूर्वस्पर्धक ४४८
पूर्वादिवर्गणा १७७,१७९
प्रकृतिबन्धोच्छेद प्रक्षेपकरण
प्रचय १११ प्रतर ११२ प्रतिआगाल
प्रतिआवलि ५११ प्रतिपद्यगत
प्रतिपातगत २१६,११९,२२६ प्रतिभाग
४४५ प्रतिस्थापन १८९, ३०१ प्रथक्त्व ४१,४२,५२,६३ प्रथम ऋण १८९,३०१ प्रथम कृष्टि
४९१ प्रथम निषेक ८० प्रथम मूल
प्रथम स्थिति ४४,४६,५१ प्रथम स्थितिशीर्ष
५५ प्रथम संग्रहकृष्टि २७,३१ प्रथमोत्कर्षण
प्रथमोपशमसम्यक्त्व ८० प्रदेशगुणहानि ८१,८९ प्रवचन
प्रवेशक २ प्रायोग्यलबधि
४९३,४९४,४९८
६८,६९,२१९ ६९,१७९,२१६
१५२-१६२ १५२,१६२ २५,२७
४४९ ७,९६ २३४ ४३२
नवक नष्ट कृष्टि निकाचना निक्षेप निधत्ति निरापेक्ष निरासान निवृत्ति निषेक निषेकहार निर्वर्गण निर्वर्गणकाण्डक निर्व्याघात निष्ठापक
३९० ६८,७५,१७६
२२८ ४२१,४४७
५२
२,६
६३,३९०
८७
३३३
पञ्चम वरलब्धि
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744