Book Title: Labdhisar
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Paramshrut Prabhavak Mandal

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Page 735
________________ ६५२ लब्धिसार शब्द पृष्ठ क्षपण पृष्ठ शब्द १७३,३३२ ५८,३३२ छेद १६५ १३८,१५८ ११८ १९१ ४९८ ४९९ ५०३,५०४ १५८ ३२० जगत्पूरण जिन जीवप्रदेश ज्येष्ठनिक्षेप तीर्थकरपादमूल तृतीयसंग्रहकृष्टि त्रिकरण त्रिकरणविधि त्रिभुवनमहित त्रिस्थान त्र्यक्ष ४९६ क्षपणा क्षयोपशमलब्धि क्षायिक क्षायिकलब्धि क्षायिकसम्यक्त्व क्षायोपशमिक क्षुद्रभवग्रहण ग गतयोगिन गति गलितावशेष गुणश्रेणि गुणश्रेणिकरण गुणश्रेणिदीर्घत्व गुणश्रेणिशीर्ष गुणसंक्रम गुणितकर्म गुणितक्रम गुरुनियोग गोपुच्छविशेष गोपुच्छा ४५७ ९३,१४१ ३९,२८५ ३७,५५,१०३ १०७ ९६ ४९४,४९७,४९८ ३९,२६७ ६६,७५,११६ ३७,६८,७५ १०२ २१ २५ ११८ २८४, ४७९ ४११ ४९३ दण्ड दधिगुड दर्शन दिव्यतम दूरापकृष्टि दृश्य दृश्यक्रम दश्यमान ९०,९० ११८, ४४९ ३९५, ४६६ ११७, ४८१ ४८१, ४८३ घन घातद्रव्य ११९ ४३० देयक्रम देश १४०, १४४, १४५ १४०, १४१, १४२ १८३,२०० चतुरक्ष चतुर्गतिगमन चतुर्वृद्धि चतुःहानि चरमखण्ड चरमफालि चरमसमय चल चारित्रलब्धि २५,७९ १२४ देशचारित्र १४६ देशघातिकरण १४६ देशनालाय ११९,१२० देशयम १०२,१०३ देशलब्धि देशव्रत देशवतिन् देशस्थान १५१ १५९ १४१,१४३ १५१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.

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