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अर्थसंदृष्टि अधिकार
६२१ प्रमाण स्पर्धकशलाकाकौं असंख्यातगुणा अपकर्षण भागहारका भाग दीएं एक भागमात्र हो है सो ऐसा-८। याका उत्कृष्ट वर्गविष अविभागप्रतिच्छेद पूर्व स्पर्धकका जघन्य वर्गके असंख्यातवे
ओa भागमात्र है, सो ऐसा व । याकौं अपूर्व स्पर्धकप्रमाणका भाग अपूर्व स्पर्धकके जघन्य वर्गका अविभागप्रतिच्छेद हो है। सो ऐसा- व ९। बहुरि सर्व प्रदेशनिकौं द्वयर्ध गुणहानिका भाग दीएं
aओ पूर्व स्पर्धककी प्रथम वर्गणाका द्रव्य हो है। याकौं दो गुणहानिका भाग दीएं एक विशेष हो है। बहुरि प्रथम वर्गणातै द्वितीयादि अंत वर्गणापर्यंत एक एक विशेष घटता द्रव्य प्रथम गुणहानिविर्षे हो है। बहुरि द्वितीयादि गुणहानिवि आधा आधा क्रम अंत गुणहानिपर्यत जानना। बहुरि आदि वर्गणाकौं द्वयर्द्ध गुणहानिकरि गुणे सर्व प्रदेशप्रमाण ऐसा ( व १२ ) ताकौं अपकर्षण भागहारका भाग देइ एक भागमात्र द्रव्य ग्रहि ताकौं अपूर्व पूर्व स्पर्धकनिविर्षे यथायोग्य दीजिए है। इनकी संदृष्टि यथासंभव जानि लेनी । पूर्व अपूर्व स्पर्धकनिकी रचना ऐसी
पूर्वस्पर्धक
व ९
ना
९ ना
यहां द्रव्यको संदृष्टि यथा
संभव जाननी
अपूर्वस्पर्धक
व ९ ava
ओa
इहां रचना ऊभी लीक करी है। बहुरि द्वितीय समयवि प्रथम समयतें असंख्यातगुणा द्रव्य अपकर्षण करै है, सो ऐसा-व १२ । इहां गुणकारकौं भागहारका भागहार कीया है । बहुरि
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