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लब्धिसार-क्षपणासार
प्रमाणमात्र गक्छ ऐसा ४ स्थापि ‘पदमेगेण विहीणं' इत्यादि सूत्रकरि एक घाटि गच्छ दोयकरि
ख १० भाजित ऐसी ४ याकरि तिस विषेषकौं गुणि इसवि विशेषमात्र आदि मिलावनेकौं अगिला
ख २ गुणकार दोयकरि भाजित एक ऋण था तहां दोयकार भाजित दोय मिलाएं एक घाटिकी जायगा एक अधिक होइ । बहुरि याकौं तिस गच्छकरि गुणना। ऐस कीएं उभय द्रव्यविषं विशेष द्रव्य ऐसा
व । १२ । । । ४ । ४ । वहुरि कृष्टिविर्ष देने योग्य द्रव्य ऐसा था व । १२ । a ताकौं आगें ख २१ ख
ओ। प
ओ।प।४।१६-४
। ख ख
पूर्वोक्त तीन द्रव्य घटावनेकी ऐसी = संदृष्टि कीएं ऐसा-व । १२ । a = हो है । याकौं उभय
ओ प
कृष्टिमात्र गच्छ ऐसा ४ ताका भाग दोएं एक खण्डका द्रव्य ऐसा हो है
व । १२ । ३ = याकौं तिस गच्छहीकरि गुणें मध्यवन खंडका द्रव्य ऐसा हो हैओ प। ४
ख
व। १२ । 8 = । ४ । बहुरि इहां अधस्तन शीर्षादिककका द्रव्यविर्षे गुणकार भागहारका यथासंभव ओ। प । ४ ख
a ख अपवर्तन कीएं ते च्यारयो द्रव्य ऐसे हो हैं
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