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लब्धिसार-क्षपणासार
भागका भाग देइ बहुभाग ऐसे ४ प तिनिके आधे प्रमाण लोएं तौ कृष्टिकरण कालका अंत
खप प
aa समयविर्षे कीनी जे आदिकी जघन्यादि कृष्टि ते अनुदयरूप हैं । बहुरि आधे ऐसे1१० ४ प याविषै रह्या एक भाग ऐसा ४ मिलावनेकौं अगिला गुणकारविर्षे दोयकरि
ख पाप ख प प २
aa aa भाजित एक घाटि था तहां दोयकरि भाजित एक अधिक कोएं ऐसा ४ प प्रमाण लोएं
a ख प प२
aa कृष्टिकरण कालका प्रथम समयविर्षं कोनी अंतकी उत्कृष्टपर्यंत कृष्टिनै अनुदयरूप हो है। इहां पल्यका असंख्यातवां भागकों सहनानी पांचका अंक कोएं जो एक भाग ऐसा४ । था ताकौं पांचका भाग देइ बहुभागके आधे ऐसे ४ । २ अर इनविर्षे एक अवशेष भाग खप
खप। ५ a
मिलाएं ऐसे हो है ४ । ३ ऐसे सूक्ष्भसांपरायका प्रथम समयविर्षे उदय अनुदय कृष्टिनिका प्रमाण
ख
प। ५ श
जानना । इहां रचना ऐसी
अन्यनिक
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प्रथानिक
ख
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