Book Title: Kahe Kalapurnasuri Part 01 Gujarati
Author(s): Muktichandravijay, Munichandravijay
Publisher: Shanti Jin Aradhak Mandal
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पू. आ. श्री विजयकलापूर्ण सूरीश्वरजी म.सा,
जन्म वि.सं. १९८० वै.सु.२
फलोदी (राज.)
दीक्षा वि.सं.२०१० वै.सु. १०
फलोदी (राज.)
वडीदीक्षा वि.सं. २०११वै.सु.७
राधनपुर (उ.गु.)
पंन्यास-पद वि.सं. २०२५ माघ.सु. १३
फलोदी (राज.)
आचार्य-पद वि.सं. २०२९ मा.सु. ३ भद्रेश्वर तीर्थ (कच्छ)
ST
काळधर्म वि.सं. २०५८ माघ.सु.४
केशवणा (राज.)
अग्निसंस्कार वि.सं. २०५८ माघ.सु.६ शंखेश्वर तीर्थ (उ.गु.)
यहां पर जन-जनकीजीभ पर आपका नाम है, लाखों के जीवन का आधार आपका पयगाम है; जाने के बाद भी आपकृपा बरसातेरहे इन ग्रन्थों से, श्रद्धा-प्रणत हमसभी का आपको शत-शत प्रणाम है।