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जैन शास्त्रों को असंगत बातें ! से छोटे दिन को १२ मुहूर्त यानी ६ घन्टे ३६ मिनट तथा छोटी से छोटी रात को १२ मुहूर्त यानी ६ घन्टे ३६ मिनट का होना बतलाया है। ऐसा किसी एक सूत्र में ही नहीं बल्कि सूर्यप्रज्ञप्ति, चन्द्रप्रज्ञप्ति, जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति आदि अनेक सूत्रों में बताया गया है। जम्बू द्वीप में दिन और रात को इस प्रकार बड़े से बड़ा ( उत्कृष्ट ) १८ मुहूर्त यानी १४ घन्टे २४ मिनट बड़ा और छोटे से छोटा ( जघन्य ) १२ मुहूर्त यानी ६ घन्टा ३६ मिनट का बतलाना अच्छी तरह से यह साबित कर रहा है कि इन सर्वज्ञों के ब्रह्म ज्ञान की दौड़ हमारे भारतवर्ष के बाहर की नहीं थी। अगर इन्हें भारत से बाहर के दिन-रात के बड़े-छोटेपन का ज्ञान होता तो ( दक्षिण और उत्तर ध्रुवों की तो बात ही छोड़िये, जहां छह छह और तीन तीन महीने बड़े रात और दिन होते हैं ) इङ्गलेंड की राजधानी लन्दन, जिस जगह जून महीने में करीव २२३ मुहूर्त ( १८ घन्टे का ) वड़ा दिन और ७३ मुहूर्त (६ घन्टे की) रात तथा दिसम्बर में ७३ मुहूर्त का यानी ६ घन्टे का दिन और २२३ मुहूर्त यानी १८ घन्टे की रात होती है, के समय का तो वे सही सही लेखा बतलाते । एक घन्टे का १४ मुहूर्त होता है। जैन शास्त्रों के अक्षर अक्षर को सत्य मानने वाले विद्वान सज्जनों से मैं विनम्र शब्दों में यह पूछना चाहता हूं कि क्या यह लन्दन (London) शास्त्रों के बताये इस जम्बू द्वीप से कहीं बाहर का क्षेत्र है कि जहाँ के दिन रात के बड़े-छोटेपन में चार-चार पांच-पांच मुहूर्त का अन्तर पड़ रहा
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