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जैन शास्त्रों की असंगत बातें !
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की गरमी को माप लेगा और centigrade का तापक्रम बतला देगा | रश्मि - विश्लेषण यन्त्र नमक के एक ग्रेन टुकड़े के १८ क्रोड़ भाग में से एक भाग को अग्नि शिखा पर पड़ने से यह बता देगा कि इसमें क्या पड़ा है । इस प्रकार अनेक यन्त्र हैं जिनके द्वारा इन खगोल- पिन्डों की स्थिति, गति, वृत्त, दूरी, आकार, माप, वजन, तापक्रम, प्रकाश, विद्युतप्रवाह, आकर्षण, घनत्व, द्रव्यमान, गुरुत्वाकर्षण आदि अनेक बातों का सही सही पता लग जाता है ।
इस विज्ञान युग में जब कि सैकड़ों बड़ी बड़ी प्रयोगशालाओं में रात-दिन इन खगोल वर्तिय पिन्डों को बड़े बड़े दूर-दर्शक यन्त्रों द्वारा प्रत्यक्ष देखा जा कर इनका ब्यौरेवार वर्णन हमारे सामने आ रहा है और बताये हुये वर्णन का प्रत्येक अक्षर सत्य सावित हो रहा है तो यह कैसे माना जा सकता है कि ऊपर बताया हुआ सूर्य के बाबत का शास्त्रीय वर्णन सत्य है ।
वर्तमान विज्ञान द्वारा बताये हुए इन खगोल- पिन्डों सम्बन्धी वर्णन को जो हजारों पृष्ठों में भी नहीं लिखा जा सकता, इस छोटे से लेख में आप लोगों के समक्ष कैसे रखा जा सकता है । केवल यही अनुरोध किया जा सकता है कि यदि इस विषय की सत्यता जांचनी हो तो इस सम्बन्ध के साहित्य का अध्ययन करें ।
इस लेख में मैंने सूर्य के सम्बन्ध का ही कुछ वर्णन किया है। अब अगले लेखों में बाकी के सब ग्रहों, उपग्रहों आदि
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