Book Title: Gaumata Panchgavya Chikitsa
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 13
________________ गाय के अलावा भारतीय समाज और संस्कृति के केन्द्र में भी गाय है। क्योंकि गाय की पूजा हिन्दुस्तान में हजारों सालों से होती रही है। हमारे देश में आप सब जानते. हैं यह माना जाता है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का निवास होता है। यह जो 33 करोड़ देवी-देवताओं के निवास की जो भावना है वह हमारी गहरी सांस्कृतिक परंपरा से निकल कर आयी है। गाय के शरीर का कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं है जिसमें . किसी देवता का निवास ना हो । यह बात भारतीय संस्कृति और परंपरा के किसी गहरे हिस्से से निकल कर आयी है। और यह परंपरा हजारों साल पुरानी है। यह कोई हजार दो हजार साल पुरानी परंपरा नहीं है। क्योंकि भारत का अस्तित्व हजारों साल पुराना है । युरोप और अमेरिका के अस्तित्व के बारे में हम कल्पना कर सकते हैं कि वो 500-1000 साल पुरानी संस्कृति वाले देश हैं। लेकिन हमारे देश की संस्कृति और परंपरा तो कई हजार साल पुरानी है। तो इसलिए अंग्रेजों ने जब सर्वे करा लिया और अंग्रेजों की सरकार ने यह जानकारी हासिल कर ली कि भारतीय कृषि के मूल में गाय है और भारतीय संस्कृति की व्यवस्था भी गाय के आसपास घुमती है तो उन्होंने यह फैसला किया कि भारतीय कृषि को बर्बाद करना है भारतीय संस्कृति का नाश करना है तो गाय का नाश करना चाहिये । मुल रुप से हिन्दुस्तान में जितने भी राजा हुये उन सभी राजाओं ने गाय को बचाने के लिये ही अपने जीवन की और अपने राज्य की सारी नीतियाँ बनाने की कोशिशें की। हिन्दुस्तान में बहुत सारे ऐसे मुस्लिम राजा भी हुआ करते थे जिन्होंने गोरक्षा के लिये नीतियाँ बनाई और मुस्लिम राजाओं की जो विशेषता थी वो यह थी कि बहुत सारे मुस्लिम राजा यह मानते थे कि भारतीय समाज में अगर कोई व्यवस्था टिकेगी तो वो तभी संभव है जब भारतीय समाज की परंपराओं के अनुरुप शासन होगा। अगर भारतीय समाज की परंपराओं के विपरीत शासन होगा तो कोई व्यवस्था इस देश में चल नहीं सकती। यह बहुत सारे मुस्लिम राजा जानते थे और उस बात को उन्होंने अपने जीवन में, अपने राज्य में लागू करने की कोशिश की थी। अंग्रेजों ने बहुत खोजा लेकिन मुस्लिम समाज में और मुस्लिम समाज के राजाओं के बीच में भी उनको गोरक्षा के लिये काम करने वाले बहुत सारे मुस्लिम राजाओं के दस्तावेज मिले। और वैसे दस्तावेज हिन्दुस्तान के इतिहास में भरे पड़े हैं। एक दो अपवाद ऐसे थे जिनको अंग्रेजों ने प्रचारित करना शुरु किया और उन अपवादों के आधार पर अंग्रेजों ने हिन्दुस्तान में गाय का कत्ल करवाना शुरु किया । गाय का कत्ल करवाने के पीछे अंग्रेजों के मन में जो मुल नीति थी वो सबसे . महत्त्वपूर्ण यह रही थी कि भारत की कृषि का, भारत की अर्थव्यवस्था का नाश करना है । और वो गाय का कत्ल करवा के फिर गाय के मांस को अंग्रेजों की फौज को खिलाया जाने लगा। बड़े पैमाने पर हिन्दुस्तान में गाय का कत्ल अंग्रेजों ने शुरु करवाया और उस गाय के कत्ल का मांस अंग्रेजों की सरकार और उस सरकार के अधिकारी, गौमाता पंचगव्य चिकित्सा. 12

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