Book Title: Gaumata Panchgavya Chikitsa
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 117
________________ . पथ्य : लौंग, आँवला, बादाम विशेष : बच्चे से तुतलाकर बात न करें, ताकि वह सही उच्चारण सुने और सही उच्चारण करने का प्रयत्न करें। । II. हकलाना (Stammer) तुतलाने वाले उपचार करें। अपथ्य : भय, जल्दबाजी, क्रोध विशेष : 1. गाने का अधिक से अधिक अभ्यास करें। 2. ठहाका मारकर हँसे। 12. सूखी खुजली 1. ऋतु, प्रकृति और अवस्था के अनुसार देशी गाय के गौमूत्र को सूती कपड़े को आठ परत (fold) कर छानकर पीयें। गौमूत्र अर्क, गौमूत्र घनवटी या गौमूत्रासव या गौमूत्र हरीतकी वटी का सेवन करें। 2. गौमूत्र और तिल के तेल की बस्ति (एनिमा) लें। . .. 3. घी का अधिकाधिक सेवन करें। रात को सोते समय दूध में घी डालकर पीयें। 4. नाक में घी डालें। 5. त्रिफलादि घृत का सेवन करें। 6. सरसों या तिल के तेल की पूरे शरीर पर मालिश करें। 7. ताजे गोबर से स्नान करें या अंगराग चूर्ण + कच्चा दूध या दही से स्नान करें। इन्हें 15-20 मिनिट शरीर पर लगा रहने दें। साबुन का प्रयोग बिल्कुल ना करें। . अपथ्य : फ्रिज की चीजें, तेज खटाई, आलू, गोभी, प्याज, बासी भोजन, मैदा, बेसन, कच्चा नमक, रूखी चीजें। पंखे की तेज हवा, पाउडर पथ्य : स्निग्ध आहार, मीठा, तुलसी+शहद, लहसुन, करेला, नारियल, नींबू ___13. गीली खुजली (दाद, एक्जिमा....) 1. ऋतु, प्रकृति और अवस्था के अनुसार देशी गाय के गौमूत्र को सूती कपड़े को आठ परत (fold) कर छानकर पीयें। . या ___ गौमूत्र अर्क, गौमूत्र घनवटी या गौमूत्रासव यां गौमूत्र हरीतकी वटी का सेवन करें। 2. ताजे गोबर में गौमूत्र मिलाकर साबुन की जगह लगायें या अंगराग चूर्ण या अंगराग गौमाता पंचगव्य चिकित्सा .

Loading...

Page Navigation
1 ... 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130