________________
औटाकर और काली मिर्च डालकर लेने से शरीर में रक्त की कमी नहीं होती। 6. खट्टा खाने की इच्छा हो तो आंवला, नींबू, कोकम, छाछ, टमाटर का सेवन करें अचार, इमली, कैरी और राई की खटाई का सेवन ना करें। 7. शरीर में खून की कमी हो तो खून की कमी वाले उपचार करें। 8. शरीर में कैल्शियम की कमी हो तो पान की दुकान से एक रूपये का चूना लाकर उसे एक लीटर पानी में डालकर खूब हिलायें। 6-7 घंटे बाद जब चूना तली में है। जायें, तब पानी को निथार लें। यह पानी दिन में दो बार दो-दो चम्मच लेते रहे .... 9. आटा पीसने की हाथ की चक्की (घट्टी) चलाने से गर्भाशय क्षेत्र की तथा की मास पेशियाँ लचीली व बलशाली होती है। शरीर में सूजन नहीं आती व प्र. सामान्य होता है। घट्टी न हो तो इसी प्रकार का व्यायाम करें। 10. साबुन का ...F. ना करें, अंगराग चूर्ण या अंगराग बट्टी से स्नान करें। अपथ्य : सभी तामसीक चीजें - लहसुन, प्याज, चाय-कॉफी, भैंस का दूध, दह ... बासी भोजन सभी प्रकार के व्यसन। क्रोध, ईर्ष्या, भय, लालच। टी. वी के का व विज्ञापन बहुत ही तामसीक है। टी. वी. से निकलने वाली प्रकाश की किरणे तरंगे भी बहुत नुकसान करती है। टी. वी. पर केवल कुछ संस्कारप्रद कार्यक्रम है देर देखें।
सभी पित्त दोष बढ़ाने वाली चीजें - आलू, बैंगन, दही, गरम मसालें, मित्त. .. चीजें, तेज खटाई, पपीता। इनसे गर्भपात होने का खतरा रहता है। ___ सभी वात दोष बढ़ाने वाली चीजें - पंखे की तेज हवा, फ्रिज का पानी, मैद' रात को जागना। इनसे सूजन आती है और प्रसव वेदना अधिक होती है।
सभी कफ दोष बढ़ानेवाली चीजें - अधिक मीठा, अधिक घी, तेल, आलर' में अधिक सोना। इनसे बच्चे का मोटापा बढ़ता है और प्रसव में समस्या होती है। पथ्य : प्रसन्न रहना, हल्के व्यायाम करना या श्रम करना; सुबह की किरणों का करना, अच्छी पुस्तके पढ़ना, कला के सौन्दर्य का पान करना। विशेष : एक मूर्तिकार पत्थर की मूर्ति को गढ़ते समय एक-एक छेनी संचलाता है। माँ का तो चैतन्य मूर्ति को गढ़ना है, ईश्वर की तरह सृष्टि करनी जितनी ही कुशल होगी पुत्र भी उतना ही श्रेष्ठ होगा।
....
...
uuuu
गौमाता पंचगव्य चिकित्सा ....
..
..... 128
.................