Book Title: Gaumata Panchgavya Chikitsa
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 120
________________ 3. ताजे गोबर से या अंगराग चूर्ण या अंगराग बट्टी से स्नान करें। साबुन का प्रयोग बिल्कुल ना करें। 4. तेज पंखे की हवा से पसीने को न रोकें। 5. सुबह की धूप का सेवन करें। अपथ्य : तेज खटाई, तली चीजें, कच्चा नमक पथ्य : नींबू, तुलसी+शहद, आँवला, पपीता, करेला, नीम विशेष : त्वचा की एलर्जी किसी भीतरी बिमारी का संकेत हो सकते है। अत: भीतरी बीमारी पर भी ध्यान दें। 19. सिर में रूसी (Dandruff) .. 1. नाक में घी डालने से 40-45 दिन में रूसी बनना बंद हो जाता है।" 2. छोटे बाल हो तो अंगराग चूर्ण + खट्टी छाछ सिर पर कुछ देर लगाकर धोयें। 3. बाल बड़े हों तो गौमूत्र या गौमूत्र में अरीठा, शिकाकाई, आंवला उबालकर उससे बाल धोयें। 4. केवल सिर ही नहीं पूरे शरीर की तेल मालिश करें। अपथ्य : सिर में साबुन लगाना, रूखा भोजन, आलू, प्याज पथ्य : दूध, दही, छाछ, घी . . 20. श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग Leucoderma) . 1. ऋतु, प्रकृति और अवस्था के अनुसार देशी गाय के गौमूत्र को सूती कपड़े को आठ परत (fold) कर छानकर पीयें। . : या • गौमूत्र अर्क, गौमूत्र घनवटी या गौमूत्रासव या गौमूत्र हरीतकी वटी का सेवन करें। 2. दूध में घी डालकर पीयें। . 3. साबुन का प्रयोग न करें। गोबर या अंगराग चूर्ण और दूध के उबटन से स्नान करें। 4. विभिन्न गौशालाओं द्वारा निर्मित श्वित्र हर टिकिया लगायें और श्वित्र नाशक वटी का सेवन करें। अपथ्य : खटाई, तली चीजें, गर्म मसालें, पथ्य : काले तिल, काला चना, नारियल, गाजर Oapa गौमाता पंचगव्य चिकित्सा का

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