Book Title: Gaumata Panchgavya Chikitsa
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 115
________________ 5. शहद की एक-एक बूँद आँख में डालें। 6. सफेद प्याज के रस की एक-एक बूँद आँख में डालें। 7. गुलाब जल की दो-दो बूँदें आँख में डालें । अपथ्य : खटाई, तली चीजें, धूप, गर्म मसाले, क्रोध, शोक पथ्य : गाजर, आँवला, शहद, जौ, करेला, पपीता, बादाम ( भिगाकर घिस कर लेने पर ही उपयोगी ) विशेष : 1. ऊपरोक्त उपचार से तीन महीने में मोतियाबिंद कट जायेगा और चश्मा लगा हो तो उसके नंबर भी कम हो जायेंगे। 2. प्रतिदिन छाछ पीनेवालों को मोतियाबिंद ही नहीं होता । 6. आँख से पानी बहना आँख से एक वाहिनी निकलकर नाक में जाती है उसमें अवरोध होने पर आँख को नम रखनेवाला पानी बाहर टपकने लगता है। 1. मोतियाबिंद वाले उपचार करें। 2. सुबह गौमय दंतमंजन करें और मंजन करने के बाद आऽऽ आवाज करते हुए उंगलियों से जीभ को रगड़ें इससे न केवल जीभ और कंठ ही साफ होगा बल्कि नाक, आँख, कान आदि की वाहिनियाँ भी साफ हो जाती हैं। 7. कान बहना • 1. नाक में गाय का घी डालें। 2. दूध में हल्दी उबालकर घी डालकर पीयें । 3. ऋतु, प्रकृति और अवस्था के अनुसार देशी गाय के गौमूत्र को सूती कपड़े को आठ परत (fold ) कर छानकर पीयें।. या गौमूत्र अर्क, गौमूत्र घनवटी या गौमूत्रासव या गौमूत्र हरीतकी वटी का सेवन करें। 4. गौमूत्र से गरारे करें। 5. मुँह खोलकर कान में गौमय तेल की 2-4 बूँदें डालें । गौमय तेल बनाने की विधि - तिल के तेल में गोबर का रस डालकर मंद आँच पर पकायें, जब केवल तेल ही बचे, तब छानकर शीशी में भर लें । अपथ्य : खटाई, तली चीजें, गुड़, मिर्च, गर्म मसाले, तेज हवा, दही, छाछ । 8. कान का दर्द 1. कान का दर्द लंबे समय से हो तो ऋतु, प्रकृति और अवस्था के अनुसार देशी गाय गौमाता पंचगव्य चिकित्सा 114

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