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उद्दौला की सेवा में एजेंटो ने घुमकर पंता कर लिया कि इस सिराज उद्दौला का सेनापति ही है जो गद्दारी करने को तैयार है। अब किसी राजा का सेनापति जब राजा और उसके राज्य से गद्दारी करने को तैयार हो। तो खतरनाक होता है । “मीरजाफर” नाम का एक सेनापति हुआ करता था सिराज उद्दौला का । उसने ईस्ट इंडिया कंपनी और रॉबर्ट क्लाईव से समझौता कर लिया। समझौता यह है कि हम युद्ध लड़ेगें। लेकिन नकली, असली युद्ध नहीं लड़ेगें। सिराज उद्दौला को लगेगा की यह युद्ध हो रहा है। लेकिन हम नकली युद्ध लड़ेगें। और युद्ध शुरु होने के दस मिनिट के बाद मैं, माने मीरजाफर अपने सैनिकों के साथ रॉबर्ट क्लाईव के सामने आत्मसमर्पण कर दूँगा । रॉबर्ट क्लाईव युद्ध जीतने की घोषणा कर देगा। बाद में हम दोनों मिलकर सिराज उद्दौला को मार डालेंगे और समझौते के मुताबिक मीरजाफर को बंगाल का राजा बना दिया जायेगा । तो प्लासी के मैदान में जो हम इतिहास में पढ़ते आये हैं कि बड़ा भारी युद्ध हुआ। कोई युद्ध नहीं हुआ। वहाँ नकली युद्ध हुआ । बीस मिनिट में फैसला हो गया। भारत की और से लड़ने वाले सेनापति अंग्रेजों से जाकर मिल गया। बीस मिनिट
अंग्रेजों ने घोषणा कर दी कि हम युद्ध जीत गये। और बाद में उन्होंने जाकर सिराज उद्दौला की हत्या कर दी। मीरजाफर को बंगाल का राजा बना दिया। बाद में रॉबर्ट क्लाईव ने मीरजाफर की हत्या कर दी। मीरकासिम को राजा बना दिया। फिर मीर कासिम की हत्या कर दी और रॉबर्ट क्लाईव खुद बंगाल का राजा बन गया।
बंगाल का राज बनने के बाद रॉबर्ट क्लाईव ने सबसे पहला कत्ल खाना शुरु किया। उस कत्ल खाने में रोज की लगभग 30 से 35 हजार गाय काटी जाती थी । अब वो कत्लखाने का साईज कितना बड़ा रहा होगा। आप इसकी कल्पना कर सकते हैं। क्योंकि उस जमाने में मशीन से नहीं काटी जाती थी । गाय उस जमाने में हाथ से काटी जाती थी। तो आप कल्पना करिये। एक कसाई एक दिन में दस घंटे काम करे तो 3-4 से ज्यादा गाय काट नहीं सकता। इसका माने 32 हजार गायों को काटने के लिये कितने कसाई रहे होंगे। अंग्रेजों ने उन सब को नौकरी पर रखा हुआ था। अंग्रेजों को गाय का मांस खाना है इसलिए वो कत्ल खाने शुरु कर दित गए। और उस कल खाने में गाय का मांस उत्पन्न हो के अंग्रेजों के सैनिकों को उपलब्ध कराया जाता था। बंगाल में कलकत्ता में उस समय अंग्रेजों के लगभग 50 हजार से अधिक की सेना के प्रमुख अधिकारी रहते थे।
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पूरे भारत में अंग्रेजों की कुल आर्मी पचास हजार थी । प्रमुख अधिकारी सब कलकत्ता में रहते थे। क्योंकि कलकत्ता उस समय भारत की राजधानी थी। इन सब प्रमुख अधिकारियों को गाय का मांस चाहिये। उनके साथ जो सेना रहती थी उसको भी गाय का मांस चाहिये। इसलिए पहला कत्ल खाना खोला गया था। बाद में क्या गौमाता पंचगव्य चिकित्सा
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