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आधुनिक रसायन शास्त्र के अनुसार गौमूत्र के रासायनिक तत्वों का रोगों पर प्रभाव विवरण
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यूरिया
क्र.सं. रासायनिक
- रोगों पर तत्त्वों के प्रभाव तत्त्वों के नाम . नाइट्रोजन .. मूत्रल, वृक्क का प्राकृतिक उत्तेजक, रक्त विषमयता
'को निकालता है। - गंधक (सल्फर) बड़ी आँत की पुरःसरण क्रिया को बल मिलता है।
रक्त शोधक है। अमोनिया यह शरीर धातुओं और रक्त संगठन को स्थिर करता है। . 4. . अमोनिया गैस - फेफड़ों व श्वसन अंगों को संक्रमण से बचाता है। तांबा (कॉपर) . अनुचित मेद. (चर्बी) को बनने से रोकता है। शरीर
की जीवाणुओं से रक्षा करता है। ___6. आयरन . रक्त में उचित लाल कणों का निर्माण बनाये रखता
है। कार्य शक्ति स्थिर रखता है।
मूत्र उत्सर्ग पर प्रभाव करता है। कीटाणु नाशक है। यूरिक एसिड हृदय शोथ नाशक, मूत्रल होने से विषशोधक है। 9. . . फॉस्फेट मूत्रवाही संस्थान से सिकता कण (पथरी कण)
निकालने में सहायक है। !0. . . सोडियम रक्त शोधक, अम्लता नाशक है। . in. पोटेशियम - आमवात नाशक क्षुधा कारक है। मांसपेशी दौर्बल्य,
आलस्य मिटाता है।...... 12. मैंगनीज़ : कीटाणुनाशक, कीटाणु बनने से रोकता है, गैंगरीन
सड़ांध से बचाता है। ............... 13. कार्बोलिक एसिड कीटाणु नाशक, कीटाणु बनने से रोकना, गैंगरीन, :: ::: संडाघ से बचाता है।
. 14. कैल्सियम रक्त शोधक, अस्थि पोषक, जन्तुघ्न, रक्त,स्कन्दक है। 15. लवण (नमक) दूषित व्रण, नाड़ी व्रण, मधुमेह जन्य संन्यास,
विषमयता, अम्लरक्तता. नाशक, जन्तुघ्न। 16. .... विटामिन ए,बी, ... विटामिन-बी जीवनीय तत्व, उत्साहस्फूर्ति बनाये रखना, . . सी,डी,ई. रखना, घबराहट, प्यास से बचाता है। अस्थि पोषक
प्रजनन शक्ति दाता है। 17. अन्य मिनरल्स रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है। गौमाता पंचगव्य चिकित्सा .... ...... .....67