Book Title: Gaumata Panchgavya Chikitsa
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 67
________________ गाय और गोमूत्र की परिभाषा गोमूत्र के बारे में सामान्य जानकारी प्रश्न 1 : गौमूत्र किस गाय का लेना चाहिए? . उत्तर - जो वन में विचरण करके, व्यायाम करके इच्छानुसार घास का सेवन करे, स्वच्छ पानी पीवे, स्वस्थ हो; उस गौ का गौमूत्र औषधिगुणवाला होता है। शास्त्रीय निर्देश है कि - "अग्रमग्रं चरन्तीनामोषधीनां वने वने। प्रश्न 2 : गौमूत्र किस आयु की गौ का लेना चाहिए? उत्तर - किसी भी आयु की- बच्ची, जवान, बूढ़ी-गौ का गौमूत्र औषधि प्रयोग में काम में लाना चाहिए। प्रश्न 3 : क्या बैल, छोटा बच्चा या वुद्ध बैल का भी गौमूत्र औषधि उपयोग . . में आता है? उत्तर - नर जाति का मूत्रं अधिक तीक्ष्ण होता है, पर औषधि उपयोगिता में कम नहीं है, क्योंकि प्रजाति तो एक ही है। बैलों का मूत्र सूंघने से ही बंध्या (बाँझ) को सन्तान प्राप्त होती है। कहा है : ___ "ऋषभांष्चापि, जानामि राजन् पूजितलक्षणान्। .. येषां मूत्रामुपाघ्राय, अपि बन्ध्या प्रसूयते।।" (संदर्भ-महाभारत विराटपर्व) . अर्थ : उत्तम लक्षण वाले उन बैलों की भी मुझे पहचान है, जिनके मूत्र को सूंघ . लेने मात्र से बंध्या स्त्री गर्भ धारण करने योग्य हो जाती है। प्रश्न 4. : गौमूत्र को किस पात्र में रखना चाहिए? उत्तर - गौमूत्र को ताँबे या पीतल के पात्रा में न रखें। मिट्टी, काँच, चीनी मिट्टी का पात्र हो एवं स्टील का पात्र भी उपयोगी है। . प्रश्न 5 : कब तक संग्रह किया जा सकता है ? उत्तर - गौमूत्र आजीवन चिर गुणकारी होता है। धूल न गिरे, ठीक तरह से ढंका - हुआ हो, गुणों में कभी खराब नहीं होता है। रंग कुछ लाल, काला ताँबा .. व लोहा के कारण हो जाता है। गौमूत्र में गंगा ने वास किया है। गंगाजल भी कभी खराब नहीं होता है। पवित्र ही रहता है। किसी प्रकार के . हानिकारक कीटाणु नहीं होते हैं। प्रश्न 6 : जर्सी गाय के वंश का गौमूत्र लिया जाना चाहिए या नहीं? उत्तर - नहीं लेना चाहिए। गौमाता पंचगव्य चिकित्सा 66

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