Book Title: Gaumata Panchgavya Chikitsa
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 112
________________ 3. कौलेस्ट्रोल (Cholesterol) 1. ऋतु, प्रकृति और अवस्था के अनुसार देशी गाय के गौमूत्र को सूती कपड़े को आठ परत (fold) कर छानकर पीयें । या गौमूत्र अर्क, गौमूत्र घनवटी या गौमूत्रासव या गौमूत्र हरीतकी वटी का सेवन करें। 2. छाछ में एक चम्मच मीठे नीम की पत्ती ( कड़ी पत्ता) की चटनी डालकर उसका सेवन करें। 3. प्रतिदिन छिलके सहित कच्ची लौकी का एक गिलास रस निकाल 5 काली मिर्च + 5 तुलसी के पत्ते + पौदीने के पत्ते घोंटकर मिलायें । स्वाद के अनुसार अदरक व सेंधा नमक मिलाकर पीयें। 4. घाणी के तेल का सेवन करें। अपथ्य : रिफाइन्ड तेल, गाय के घी के अलावा अन्य सभी घी पथ्य : लहसुन, गेहूँ के जवारे, साग-सब्जी, फल, सलाद, फिल्टर्ड तेल, बिना बीज की लाल मिर्च विशेष : दो प्रकार के कौलेस्ट्रोल होते हैं। अच्छा कौलेस्ट्रोल और खराब कोलेस्ट्रोल | अच्छे कोलेस्ट्रोल से मस्तिष्क स्वस्थ रहता है, शरीर की नसों, जोड़ों में लचीलापन रहता है। खराब कोलेस्ट्रोल रक्तवाहिनियों में जमकर रुकावट पैदा करता है। गाय का घी कौलेस्ट्रोल को बढ़ाता है । घाणी का तेल ( तिल, मूँगफली और सरसों का तेल ) खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। सोयाबीन, सूर्यमुखी, पाम तेल दोनों प्रकार के कौलेस्ट्रोल को कम कर शरीर को नुकसान पहुँचाते हैं। 4. रक्त विकार (Blood Infection) 1. अधिक मात्रा में ऋतु, प्रकृति और अवस्था के अनुसार देशी गाय के गौमूत्र को सूती कपड़े को आठ परत (fold) कर छानकर पीयें। या गौमूत्र अर्क, गौमूत्र घनवटी या गौमूत्रासव या गौमूत्र हरीतकी वटी का सेवन करें। 2. दूध में हल्दी उबालकर घी डालकर पीयें। 3. प्रतिदिन छिलके सहित कच्ची लौकी का एक गिलास रस निकाल 5 काली मिर्च + 5 तुलसी के पत्ते + पौदीने के पत्ते घोंटकर मिलायें । स्वाद के अनुसार अदरक व सेंधा नमक मिलाकर पीयें। 4. नीम + तुलसी का सेवन करें। 5. चिरायते को उबालकर पीयें। अपथ्य : खटाई, तली चीजें, गर्म मसालें, खमीर वाले आहार, फ्रिज की चीजें । पथ्य : लहसुन, करेला, दूध, कुलथी, शहद गौमाता पंचगव्य चिकित्सा 111:

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