Book Title: Gaumata Panchgavya Chikitsa
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 50
________________ काम की नहीं होगी। तो हमने टेक्नोलॉजी ऐसी बनाई बैलगाड़ी का पैय्या बनाया। हवाई जहाज का नहीं। क्योंकि बैलगाड़ी का पैय्या धीरे-धीरे रोटेट करता है। और धीरे चलने वाली चीज जमीन पर प्रेशर कम डालती है। उससे जीवों की हत्या कम होती है। इसलिए बैलगाड़ी का पैय्या बनाया इसलिए नहीं कि हम पिछड़े हुए हैं। पैय्या जब हमने बना लिया तो हवाई जहाज का भी बना सकते थे। लेकिन हमने समझ बुझकर बैलगाड़ी चूनी हैं। क्योंकि इसमें न्यूनतम जीव हत्या होती है। हम किसी से पिछड़े हुए नहीं हैं। बहुत सोच समझकर हमने बैलगाड़ी को ऑप्शन में लिया हैं। दूसरी तरफ युरोप वाले हैं, अमेरीका वाले हैं। उनकी समझ यही हैं कि जो करना है इस जीवन में करना है। बाद में जीवन नहीं है तो हर चीज तेज करनी है तो स्पीड के साथ करनी है। हवाई जहाज का पैय्या बना लिया। अब हम कहाँ फंस गए हैं। उन्होंने जी, हवाई जहाज का पैय्या बना लिया। हम बॅकवर्ड हैं। यह सबसे बड़ा हमारे मन में बैठा हुआ दुश्चक्र है। दुनिया में कोई फॉरवर्ड कोई बॅकवर्ड नहीं होता हैं। अपनी-अपनी मान्यताओं के हिसाब से कुछ चीजें तय होती हैं। हम जब यह कहते हैं ना कि अमेरीका वाले फॉरवर्ड हैं हम बॅकवर्ड हैं तो हम कभी भूल जाते हैं। अभी थोड़े दिन पहले अमेरीका में दुर्घटना हुई। उनके यहाँ भी सुनामी आ गया 'कॅटरिना ' उसका नाम और थोड़े दिन पहले आया 'रीटा' दो पानी के बड़े जलजले आए। उनके यहाँ कॅटरीना ने अमेरीका के तीन राज्यों का सफाया कर दिया। वो आपने सबने सुना है तीन राज्यों का सफाया हुआ। लाखों लोग बर्बाद हुए, घर टूट गए। फिर आपने यह भी सुना होगा पाँच दिन तक सरकार ने कुछ नहीं किया लेकिन हम उसकी चर्चा नहीं करते। हमारे यहाँ हो जाए तो उसपे गाना गाने लगते हैं। अमेरिका की सरकार ने पाँच दिन तक लाखों लोगों की खबर सुध क्यों नहीं लीया। क्योंकि वो ब्लॅक थे। काले लोग हैं। जिन राज्यों में यह कॅटरिना आया वहाँ की मॅजोरिटी पॉप्युलेशन ब्लॅक है। जार्ज बुश को उनकी चिंता नहीं हैं। क्यूँ प्रश्न ही नहीं हैं पुर्नजन्म का । चिंता क्यूँ होनी चाहिए। जिनके यहाँ पुर्नजन्म का प्रश्न होगा ना उनको चिंता होगी। कि अगली बार ब्लॅक हो के पैदा हो गए। तो हमारे साथ भी कोई यह करेगा। जार्ज बुश को चिंता ही नहीं है कि अगले बार ब्लॅक भी हो सकता हैं। वो कहता है आखरी जीवन है जो करना है इसी में करना है । उसको चिंता नहीं है। सारी दुनिया के अखबारों में लेख लिखे । और कहा गया कि अमेरिका अपने को बहुत बड़ा तीस मार खाँ कहता है और जनहित का रक्षक कहता है लेकिन अपनी जनता के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति क्या कर रहा है। पाँच दिन तक ना पुलिस, ना सेना भेजी, ना कुछ भेजा, ना सामान भेजा। लोग बेचारे ठिठुरते रहें। सड़क पर मरते रहे और जानते है आगे क्या हुआ। आगे यह हुआ कि जिन लोगों को भूंकप ने या तूफान गौमाता पंचगव्य चिकित्सा 49

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