Book Title: Gaumata Panchgavya Chikitsa
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 62
________________ हैं कि हमने फिजिओलॉजी पढ़ा है। एनाटॉमी पढ़ा है लेकिन इतने मूर्ख लोग है। उनको अक्कल भी नहीं है कि इसी फिजिओलॉजी, एनाटॉमी के आधार पर मैं उनसे सवाल करता हूँ तुमको क्या मालूम टाईम आया है कि नहीं आया है। बताओ ना कैसे मालूम तुमको। कोई यंत्र है. तुम्हारे पास जो यह बता सके। बे टाईम इंजेक्शन तुमने लगा दिया तो क्या होने वाला है उस गाय का। बहुत बड़ा पाप हो रहा है इस देश में। तो यह कम-से-कम पाप बंद हो इसके लिए हम एक केन्द्र खोल रहे हैं यहाँ पर और सौ-दो सौ, पाँच सौ अच्छे सांड रखे हैं जो गांव-गांव उपलब्ध हों और तीसरा बड़ा काम यहाँ बहुत सारी संस्थाए हैं जो जीव दया का काम करती हैं वो सब संस्थाए मिलकर वहाँ एक अच्छा हॉस्पिटल चलाएं गाय के लिए, बैल के लिए, बछड़े के लिए, भैंस के लिए, कुत्तों के लिए। क्योंकि हॉस्पिटल की जरुरत है। जैसे हमें जरुरत है वैसे उनको भी जरुरत है। उनके एक्सिडेंट होते रहते हैं बिचारे नंगे पाव घुमते रहते है। कोई तो चाहिए उनकी सेवा करे, तो अच्छा हॉस्पिटल, हो सकता है। पशु -चिकित्सालय हो सकता है और डॉक्टर भी अच्छा हो जो वहाँ पर सेवा दे सकते हैं और सबसे बड़ा काम वो हो सकता है कि भारत के कास्तकार को, शेतकरी को ट्रेनिंग देने का, गाय को कैसे रखना। अभी तो हम भूल गए जो शेतकरी उसको इंजेक्शन लगवा सकते हैं। इसका माने तो वो भूल गए सब कुछ, फिर गाली देते हैं गाय दूध नहीं देती। देगी कैसे, तुम गाय के मन मर्जी से करो तो वो दूध दे तुम्हे तुम उसके मन के खिलाफ जाओगे कैसे देने वाली है। तो इतना समझ अगर हमारी कम हो गई हैं तो इसका माने तो ट्रेनिंग कॅम्प करने पड़ेगें किसानों के! सेमिनार करने पड़ेंगे। सिम्पोझियमस करने पड़ेंगे। वर्कशॉप करने पड़ेंगे। जिसमें उनको समझाया जाये कि भाई गाय का दूध किन-किन तरीके से बढ़ सकता है। मैंने एक छोटा एक्सपेरिमेन्ट किया था एक गाय का। आज से छ:-सात साल पहले जिसको कुछ भी दूध नहीं था और उसको एक ही काम किया प्राकृतिक तरीके से उसको गर्भाधान शुरु किया उस गाय ने तीन पीढ़िया दीया और चौथा पीढ़ी अब हमारे 'घर में हैं। वो तेरह लीटर दूध देती है और चार पीढ़ी-पहले वो कोई दूध नहीं देती थी। सिर्फ एक ही काम किया और ऐसे कई छोटे-छोटे काम हैं। जैसे गाय को रोज सुबह ज्वारी की भाकरी और गेहूँ खिला दो देखो दूध कितना बढ़ता है। बिना यूरिया, बिना डिए.पी का घास चारा खिलाओ। देखो दूध कितनी तेजी से बढ़ता है। पानी उसको दिन में दो बार की जगह चार बार पिलाओ दूध बहुत.तेजी से बढ़ता है। यह छोटी-छोटी बातें हैं। यह बस बताने की हैं। किसान इसको कर सकेंगे लेकिन बताने के लिए कोई केन्द्र तो चाहिए। तो यहाँ चलायेगे ना जहाँ कत्तलखाना खुलने वाला है यहाँ केन्द्र चलायेगें। यह बेकार नहीं होने वाला! फिर कहेंगे जी मशीन ले आए। तो क्या बेच दो गौमाता पंचगव्य चिकित्सा

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