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सिर्फ दोगुना ज्यादा माल ही नहीं ले जायेगा बल्कि तेजी के साथ वो माल एक गाँव से दूसरे गाँव में पहुँच जायेगा। तो आपकी समय की समस्या का भी समाधान हो जायेगा।
तो मैंने कहा कि बस दो छोटे से काम करिये। पहला काम कि हिन्दुस्तान का जो पशुधन है। हिन्दुस्तान के पशुओं की जो शक्ति है। इसका बचाव करिये ताकि यह माल को एक गाँव से दूसरे गाँव में ले जाने के काम में आयें। और दूसरा काम बैलगाडी के चक्कों में बॉल बियरिंग लगा दीजिये। तो उसने तीसरा सवाल मुझसे कहा .. कि राजीव भाई यह करेगा कौन? मैंने कहा- आप करेंगे और कौन करेगा। अधिकारी आप हैं मैं थोडी। तो कहने लगे आपकी बात समझ में आती है। लेकिन कोई इसको करने के इसलिए तैयार नहीं होगा क्योंकि बैलगाडी के चक्कों में बियरिंग लगाना चालू काम है। और हिन्दुस्तान के वैज्ञानिक को अमरीका जाने का मौका कैसे मिलेगा। क्योंकि अमरीका जाने का मौका तब मिलेगा। जब आप पेट्रोल डीजल और ऐसी चीजों पर रिसर्च करेंगे। बैलगाडी के चक्कों में बॉल बियरिंग लगायेंगे तो उसको तो गाँव में जाना पड़ेगा। और यहाँ तो सब अमरीका भागने को तैयार बैठे हैं। परेशानी तो यह है। माने हिन्दुस्तान की सरकार की सबसे बड़ी समस्या ऑइल पूल अकाउन्ट का डेफिसिट खत्म करने में हिन्दुस्तान के गौवंश का सबसे बड़ा इस्तेमाल हो सकता हैं। यह बात में आपको कहना चाहता हूँ। और आप यह जान लीजिये भारत सरकार . कहती हैं। मैं नहीं कहता।
हिन्दुस्तान में इस समय जितना बचा हुआ पशुधन है। आपको मालूम है ज्यादा पशुधन बचा नहीं। मैंने बताया पचास साल में 38 करोड़ गौवंश का नाश कर दिया है। मुश्किल से इस देश में पशुधन अगर गौवंश का आज हम देखें तो 18-20 करोड़ के आस-पास होगा। लेकिन यह जो 18-20 करोड़ का गौवंश का पशुधन हैं। यह पशुधन हिन्दुस्तान में 14 हजार करोड़ रुपये की बचत करता है हर साल में। आप सोचिए कितनी बड़ी बचत है। 14 हजार करोड़ कोई छोटी-मोटी रक्कम नहीं होती। वो 14 हजार करोड़ की रक्कम बचायी जाती है हिन्दुस्तान के गौवंश के पशुओं के द्वारा और हिन्दुस्तान के दूसरे पशुओं के द्वारा। इसलिए गौवंश का नाश नहीं होना चाहिये। इसलिए भी नाश नहीं होना चाहिये गौवंश का, कि हिन्दुस्तान में जो गाय हैं वो अरबों रुपयो का फर्टीलायजर पैदा कर सकती है। बैल अरबों रुपये का फर्टीलायजर पैदा कर सकता हैं। और हम को विदेशों से केमिकल्स फर्टीलायजर इम्पोर्ट करने की जरुरत नहीं हैं। आप सब जानते हैं। यह जो केमिकल्स फर्टीलायजर होता है। यह बाहर के देशों से लाया हुआ केमिकल्स फर्टीलायजर आपके शरीर में जहर घोल रहा है। आप गेहूँ नहीं खा रहे हैं। गेहूँ के साथ जहर खा रहे हैं। आप चना और चावल के साथ जहर खा रहे हैं। क्योंकि उनमें विदेशी फर्टीलायजर लगता है। केमिकल्स फर्टीलायजर लगता है। इसकी वजह से पानी ज्यादा लगता है खेती में। अगर गाय के गोबर से हम खेती गौमाता पंचगव्य चिकित्सा
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