________________
2. गौरक्षा सोलापूर .
- राजीव दीक्षित इस सभा के अध्यक्ष आदरणीय श्री शास्त्रीजी। मेरे सहयोगी श्री केतन भाई, . राजकुमार भाई बरडिया, संदीप वैद्य और यहाँ की पशुधन बचाव समिति के सभी सम्माननीय सहयोगी। मैं आपके शहर सोलापूर के लिये नया नहीं हूँ। बहुत बार यहाँ पर आया हूँ। लेकिन आज आपसे एक विशेष संदर्भ में संवाद करने आया हूँ। मैं महात्मा गांधी के गाँव से महात्मा गांधी का संदेश ले के आया हूँ। महात्मा गांधी का गाँव सेवाग्राम है वर्धा जिल्हे में। मैं वही रहता हूँ। गांधीजी का आश्रम मेरा निवास स्थान है। वहाँ से एक संदेश लेकर विशेष संदर्भ में आया हूँ। (राजीव भाई 1997 से लेकर 2004 तक सेवाग्राम आश्रम, नई तालीम परिसर में रहें। वहीं से पूरे प्रदेश में आंदोलन का काम किया।)
वो संदेश यह है कि जब आजादी मिलने का समय तय हो गया और अंग्रेजों ने यह घोषणा कर दी कि वह भारत छोड़कर चले जायेंगे। तो उसी समय एक अंग्रेज अधिकारी जो भारत का प्रमुख अधिकारी था। जिसका नाम था माउन्टबेटन। उसने गांधीजी की एक मुलाकात ली। भेंट किया। यह घटना है सन् 1946 की और महिना था दिसम्बर का। गांधीजी को माउन्टबेटन ने एक प्रश्न पुछा, बहुत गंभीर प्रश्न था। उसने कहा कि बापु अभी भारत आजाद हो जायेगा। अंग्रेज, भारत छोड़कर चले जायेंगे। तो आप के मन में सबसे पहला कौन सा काम है जो आप करेंगे भारत में। अंग्रेजों के जाने के बाद, अंग्रेजों की सरकार चले जाने के बाद आप कौन सा ऐसा काम है जो सबसे पहले करना पसंद करेंगे। मान लो कि हम सब चले गये अंग्रेज। अब आप बतायें क्या करेंगे। राजकारण ठीक करेंगे। अर्थव्यवस्था ठीक करेंगे। भारत के नेताओं को, जो नैतिक रुप से कमजोर हैं उन्हे दुरुस्त करेंगे। शिक्षा व्यवस्था ठीक करेंगे। शेती व्यवस्था में काम करेंगे। क्या करेंगे सबसे पहले। गांधीजी ने बहुत सुंदर उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि तुम्हारी सरकार जाने के बाद में कलम की पहली नौक से भारत के सब कत्ल कारखाने बंद कराऊँगा। माउन्टबेटन को बहुत आश्चर्य हुआ। उसको आश्चर्य यह हुआ कि क्या उत्तर दिया है उन्होंने। उसको अपेक्षा नहीं थी कि ऐसा उत्तर गांधीजी से मिलेगा। गौमाता पंचगव्य चिकित्सा
- 27
S
ARAPARIYAR