Book Title: Dhammam Sarnam Pavajjami Part 3
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 159
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १५१ प्रवचन-६२ माता-पिता भी गुणवान् होने चाहिए, सदाचारों के पालक होने चाहिए और परिवार के ऊपर उपकार करनेवाले चाहिए। तो ही वे पूजनीय बन सकते हैं। सोमदेव और रुद्रसोमा वास्तव में पूजनीय माता-पिता थे। सोमदेव राजपुरोहित होते हुए भी, उन्होंने स्वयं दोनों पुत्रों को अध्ययन कराया। वे यदि चाहते तो दूसरे पंडित से भी अध्ययन करवा सकते थे। उनके पास अपार संपत्ति थी और सत्ता भी थी! परंतु उन्होंने स्वयं अध्ययन करवाया। जितना ज्ञान उनके पास था वह सारा ज्ञान उन्होंने दोनों पुत्रों को दे दिया। अध्ययन के माध्यम से उन्होंने दोनों पुत्रों में सुसंस्कारों का सिंचन किया। ज्ञानदृष्टि दी । मुक्ति का आदर्श दिया । आत्मा का स्वरूपज्ञान करवाया । वेदों का तलस्पर्शी बोध करवाया। व्यावहारिक शिक्षा के साथ साथ धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा भी दे दी। ___ ज्यों-ज्यों आर्यरक्षित और फल्गुरक्षित शिक्षा पाते गये त्यों-त्यों उनके हृदय में माता-पिता के प्रति प्रेम व सद्भाव बढ़ता गया। करुणामयी, वात्सल्यमयी माता के प्रति तो विशेषरूप से भक्तिभाव उल्लसित होता गया। सदाचारों का पालन भी सहजता से करने लगे। कोई भय या दबाव से सदाचारों का पालन नहीं करते थे, सदाचार उनको पसन्द आ गये थे और वे उनका पालन करते ____ भय से या दबाव से जो लोग सदाचारों का पालन करते हैं; वे लोग जब भयरहित हो जाते हैं, स्वतंत्र हो जाते हैं तब सदाचार छोड़कर दुराचारों का सेवन करने लगते हैं। इसलिए किसी को भी भय से या दबाव से सदाचारों का पालन मत करवायें। सदाचारों का महत्त्व समझायें। दुराचारों के नुकसान समझायें | उनके हृदय में सदाचारों के प्रति प्रेम पैदा करें | स्वयं सदाचारों का पालन कर, महान् आदर्श प्रस्तुत करे | स्नेह से समझाकर सन्तानों को सदाचार का शिक्षण और संस्कार दो : सन्तानों को किसी भी अच्छी बात की प्रेरणा मधुर शब्दों में दिया करें। कटु शब्दों में यदि अच्छी बात कहोगे तो वह बात स्वीकार्य नहीं बनेगी। माता-पिता को अपनी जबान पर तो संयम रखना ही होगा। परन्तु, दुर्भाग्य है कि मातापिता ज्यादातर, अपनी जबान पर संयम नहीं रखते हैं। गालियाँ भी बकते हैं और घोर कटुता भी उगलते हैं। हम लोग जब प्रेरणा देते हैं कि 'ऐसा असभ्य व्यवहार नहीं करना चाहिए,' तब हमको क्या कहते हैं, जानते हो? 'हमारी For Private And Personal Use Only

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