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प्रवचन- ७१
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जो इस कार्य की संपूर्ण आर्थिक जिम्मेदारी उठा ले । निष्ठावान् समर्पित कार्यकर्ता होने चाहिए । इस विषय में आप लोग सोचेंगे क्या ? कुछ ठोस कदम
उठायेंगे क्या ?
परमात्मपूजन, अतिथि सत्कार और दीनजनों की सेवा जीवन का सामान्य धर्म है । इस विषय का विवेचन पूर्ण होता है। आज बस, इतना ही ।
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यह गृहस्थ