Book Title: Chintan Kan
Author(s): Amarmuni, Umeshmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 24
________________ 0 पतन मे उत्थान की सभावनाएं निहित हैं। गिरना उठने की पूर्व भूमिका है। गल्तियो मे सुधार की गुजाइश रही हुई है । उलझाव सुलझाव की ही पूर्व स्थिति है । यदि जीवन मे उलझनें पैदा ही न हो तो - सुलझाने की कला को प्राप्त करना कैसे सभव है ? हर नई परिस्थिति का उत्पन्न होना जीवन की निशानी है, और है बहुत कुछ सीख लेने का उपक्रम विना उत्तरदायित्व को वहन किए अनुभव कैसे प्राप्त होगा ? ज्ञान कैसे मिल पा सकेगा? १६ | चिन्तन-कम

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