Book Title: Chintan Kan
Author(s): Amarmuni, Umeshmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 75
________________ किसी भी लक्ष्य अथवा मजिल तक पहुंचने का माग अवश्य ही होता है । मजिल है तो मार्ग भी है । सिद्धि है तो साधन भी हैं । दूरी है तो उसे तय करने के रास्ते भी हैं । परमात्मा या परमानन्द है तो उस तक पहुंचने का मार्ग भी अवश्य ही है । धर्म ईश्वरत्व एव अनन्त आनन्द के पास तक जाने वाला एक रास्ता है 1 धर्म मानव की अध्यात्मिक चेतना को जागृत करने का सर्वोत्तम साधन है । विनाश, दुराग्रह, आतक और दुराचार से त्रस्त मानवता को बचाने का एक मात्र साधन आध्यात्मिक प्रगति है । चिन्तन-कण | ६७

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