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- मानव की मानव से, समाज की समाज से मैत्री भावना स्थापित करना जीवन का एक चरम और व्यापक ध्येय है। इस ससार को एक ससार, एक वन्धुत्व और एक परिवार बनाने के महान लक्ष्य की पूर्ति की दिशा मे अहिंसा बडा ही महत्वपूर्ण योगदान कर सकती है। सेवा अपने मे अहिंसा और मैत्री का ही एक रचनात्मक रूप है।
जीवन के प्रत्येक क्षेत्र मे, फिर भले ही वह व्यवसाय हो, व्यापार-धधा हो, अन्य नैतिक मूल्यो की स्थापना हो, अन्तर्राष्ट्रीय सौहार्द हो, शान्ति हो, इन सब उद्देश्यो की प्राप्ति का साधन सेवा का आदर्श है। सेवा एक दूसरे को एक दूसरे के अत्यन्त निकट लाने में महत्वपूर्ण कडी का कार्य करती है । यह तो वह पुल है, जो दो समानान्तर चल रहे हृदयो को मिला देता है। इसमे सयोजन की अपार शक्ति रही हुई है। इसलिए सेवा को सर्वोपरि मानवीय गुण माना गया है।
चिन्तन-कण | ६७