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- जीवन मे पूर्णता चाहने वालो के लिए आवश्यक है कि वे जो भी कार्य करें, पूरे विवेक, योग्यता एव मनोयोग पूर्वक तल्लीनता के साथ एकरस होकर करें। उसे बेगार अथवा भार मानकर नही । फिर देखिए जीवन मे क्या रग आता है ? इस प्रकार से किया गया कार्य जीवन मे अमृत-रस का वर्षण करेगा। यही सफलता की कुञ्जी है, और जीवन की पूर्णता भी। ।
चिन्तन-कण | १०१