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आत्म विश्वास से भरा व्यक्ति जीवन-पथ मे आने वाले अवरोधो से रुकता नही । वह चुनौतियों को स्वीकारता ही चला जाता है । वह निर्झर के समान बह चलता है । आने वाली समस्याएँ उसको अपने पथ से विचलित नही कर सकती । वह स्वीकृत आदर्श मार्ग पर निर्वाध गति से बढ़ता चला जाता है । मार्ग मे आने वाले शूलो को उसका आत्मविश्वास फूल बना लेता है । आत्मविश्वासी व्यक्ति नवसृजन मे विश्वास रखता है । उसकी प्रत्येक हरकत नव निर्माण की दिशा मे बढाया गया कदम होती है । उसकी सृजनात्मक शक्ति अभिव्यक्ति का नव रूप लेकर आती है । वह नरक को भी स्वर्ग मे बदल देने की सामर्थ्य अपने अन्दर मे रखता है । विश्व मे जितना भी आश्चर्यकारक नवसृजन है, वह सब आत्मविश्वास की ही देन है। इसके अभाव मे व्यक्ति एक कदम भी आगे नही बढ सकता । वह आशकाओ के भंवर जाल मे ही उलझकर रह जाता है । तात्पर्य यह है कि अपने आदर्शों से वे ही लोग विचलित होते हैं, जिनमे आत्म-शक्ति का अभाव होता है । आत्म-विश्वास व्यक्ति का बहुत सशक्त सम्बल है, जो उसको कुछ न कुछ कर गुजरने की अन्त प्रेरणा देता रहता है ।
चिन्तन-कण | ५१