Book Title: Agam 43 Uttaradhyayan Sutra Hindi Anuwad
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Dipratnasagar, Deepratnasagar
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आगम सूत्र ४३, मूलसूत्र-४, 'उत्तराध्ययन'
अध्ययन/सूत्रांक क्योंकि भविष्य में उन का दीर्घ काल तक वहाँ से निकलना दुर्लभ है । इस प्रकार हारे हुए बालजीवों को देखकर तथा बाल एवं पण्डित की तुलना कर जो मानुषीयोनिमें आते हैं, वे मूलधन के साथ लौटे वणिक् की तरह
सूत्र-१९८-२००
___ जो मनुष्य विविध परिमाणवाली शिक्षाओं द्वारा घर में रहते हुए भी सुव्रती हैं, वे मानुषी योनि में उत्पन्न होते हैं । क्योंकि प्राणी कर्मसत्य होते हैं जिनकी शिक्षा विविध परिमाण वाली व्यापक है, जो घर में रहते हुए भी शील से सम्पन्न एवं उत्तरोत्तर गुणों से युक्त हैं, वे अदीन पुरुष मूलधनरूप मनुष्यत्व से आगे बढ़कर देवत्व को प्राप्त होते हैं । इस प्रकार दैन्यरहित पराक्रमी भिक्षु और गृहस्थ को लाभान्वित जानकर कैसे कोई विवेकी पुरुष उक्त लाभ को हारेगा? और हारता हआ कैसे संवेदन नहीं करेगा? सूत्र - २०१-२०५
देवताओं के काम-भोग की तुलना में मनुष्य के काम-भोग वैसे ही क्षुद्र हैं, जैसे समुद्र की तुलना में कुश के अग्रभाग पर टिका हुआ जलबिन्दु । मनुष्यभव की इस अत्यल्प आयु में कामभोग कुशाग्र पर स्थित जलबिन्दु-मात्र हैं, फिर भी अज्ञानी किस हेतु से अपने लाभकारी योग-क्षेमको नहीं समझता? मनुष्य भव में काम भोगों से निवृत्त न होनेवाले को आत्मार्थ विनष्ट हो जाता है । क्योंकि वह सन्मार्ग को बार-बार सुनकर भी उसे छोड़ देता है । मनुष्य भव में काम भोगों से निवृत्त होनेवाले का आत्म-प्रयोजन नष्ट नहीं होता है । वह पूतिदेह-के छोड़ने पर देव होता है-ऐसा मैंने सुना है । देवलोक से आकर वह जीव जहाँ श्रेष्ठ ऋद्धि, द्युति, यश, वर्ण, आयु और सुख होते हैं, उस मनुष्य-कुल में उत्पन्न होता है। सूत्र-२०६
बालजीव की अज्ञानता तो देखो । वह अधर्म को ग्रहण कर एवं धर्म को छोड़कर अधर्मिष्ठ बनता है और नरक में उत्पन्न होता है। सूत्र - २०७
सब धर्मों का अनुवर्तन-करने वाले धीर पुरुष का धैर्य देखो । वह अधर्म को छोड़कर धर्मिष्ठ बनता है और देवों में उत्पन्न होता है। सूत्र-२०८
पण्डित मुनि बालभाव और अबाल भाव की तुलना-करके बाल भाव को छोड़कर अबाल भाव को स्वीकारता है । -ऐसा मैं कहता हूँ।
अध्ययन-७ का मुनि दीपरत्नसागर कृत् हिन्दी अनुवाद पूर्ण
मुनि दीपरत्नसागर कृत् “(उत्तराध्ययन) आगमसूत्र-हिन्दी अनुवाद"
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