Book Title: Yogasara
Author(s): Kamleshkumar Jain
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan

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Page 16
________________ आशीर्वचन प्रकाशकीय सम्पादकीय हस्तलिखित प्रति के प्रथम पत्र का प्रथम पृष्ठ हस्तलिखित प्रति के अन्तिम पत्र के प्रथम एवं द्वितीय पृष्ठ प्रस्तावना : विषयानुक्रमणिका योगसार विविध संस्करण प्रस्तुत संस्करण सम्पादन परिचय : (क) प्रति परिचय ( ख ) सम्पादन की विशेषताएं पाठालोचन वचनिका अनुवाद परिशिष्ट आध्यात्मिक विकास-क्रम ग्रन्थ का नामकरण विषय की पुनरुक्ति प्रतिपाद्य विषय : मंगलाचरण एवं प्रतिज्ञा धर्म का स्वरूप रत्नत्रय आत्मतत्त्व अनुप्रेक्षा सम्यग्दर्शन Jain Education International मोक्ष के हेतु एवं मोक्ष सुख संसार दशा For Personal & Private Use Only ७ ११ १३ १४ १७ १७ १७ १८ १८ १८ १६ १६ २१ २३ २४ २४ २५ २५ २६ २६ २६ २६ २६ २८ २८ २६ २६ www.jainelibrary.org

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